स्थापना दिवस समारोह

34674_1

34674_2

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में विज्ञान भवन में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के रजत जयंती स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर स्मारक डाक टिकट एवं कवर का लोकार्पण किया। उन्होंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की वेबसाइट के नए संस्करण का भी उद्घाटन किया।

34674_6

34674_3

सभा को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में जागरुकता उत्पन्न करने में आयोग की भूमिका की प्रशंसा की उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों का संरक्षण हमारी संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका; एक सक्रीय मीडिया; एक सक्रीय नागरिक समाज एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग जैसे संगठन मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव अधिकार मात्र एक स्लोगन नहीं होना चाहिए बल्कि हमारे स्वभाव का भी एक हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के कल्याण एवं उनके अधिकारों के संरक्षण को सुरक्षित करने के लिए सक्षम समाज एवं न्याय हेतु कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए बहुत से गम्भीर प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस यह है कि सभी भारतीयों को मनुष्य होने के नाते मूलभूत आवश्यकताओं की पहुंच सुनिश्चित कराई जाए। इस संदर्भ में, श्री मोदी ने सरकार की योजनाओं जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, सुगम्य भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना एवं सौभाग्य योजना की उपलब्धियों तथा इन योजनाओं के परिणामस्वरूप लोगों के जीवन में आए परिवर्तनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 9 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण से करोड़ों गरीब लोगों का स्वच्छता एवं गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने आयुष्मान भारत के तहत हाल ही में शुरू पी.एम.जे.ए.वाई.-स्वास्थ्य बीमा योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने केन्द्र सरकार के वित्तीय समावेश की पहल के विषय में भी बताया। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए मूलभूत अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में गम्भीता से कदम उठाने के भाग के रूप में तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को राहत दिलाने के लिए कानून बनाना है।

प्रधानमंत्री ने न्याय की सुगमता को सुधारने के लिए उठाए गए कदमों जैसे ई-कोर्ट की संख्या बढाने एवं राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड को मजबूत करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने आधार को तकनीक पर आधारित सशक्तीकरण पहल के रूप में वर्णन किया।

श्री मोदी ने कहा कि इन पहलों की सफलता का कारण जनभागीदारी-पब्लिक पार्टिसिपेशन भी है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों की जागरुकता के साथ नागरिकों को अपने दायित्वों एवं जिम्मेदारियों के विषय में भी जागरुक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अपनी जिम्मेवारियों को समझते हैं वे यह भी जानते हैं कि दूसरों के मानव अधिकारों का भी सम्मान किस प्रकार किया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका भी है।

34674_4

इससे पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि भारत के संस्थागत ढांचे में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि देश में मानव अधिकारों के विषय में जागरुकता बढ़ रही है परन्तु दूसरों के मानव अधिकारों के उल्लंघन हेतु राष्ट्र विरोधी एवं समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कब होगी लोगों को यह समझना भी जरूरी है, उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए क्यूं अत्यधिक शोर होता है? अवैध प्रवासियों के विरुद्ध कानूनी रूप से की गई कार्रवाई को भी मानव अधिकारों के उल्लंघन के कृत्य के रूप में क्यों देखा जाता है?

34674_5

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एच. एल. दत्तू ने कहा कि आयोग का पिछले लगभग 25 वर्षों में यह प्रयास रहा है कि जहां तक संभव हो यह अपने आपको लोगों के लिए सुगम एवं सुलभ रखे। इसने देश में मानव अधिकारों की स्थिति पर नज़र रखने के लिए विभिन्न श्रेणी की प्रणालियों का विकास किया है। प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी से देशभर में इसकी पहुंच को दर्शाती है।

न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि आयोग का रजत जयंती समारोह हमारे संविधान में स्थापित सिद्धांतों एवं मूल्यों को कायम रखते हुए एक न्यायपूर्ण एवं समान समाज को प्राप्त करने में हमको पुनः समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने समाज के आर्थिक एवं समाजिक रूप से कमज़ोर वर्गों के सशक्तीकरण के लक्ष्य पर आधारित सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे जन-धन, मुद्रा, उज्ज्वला, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत एवं मेक-इन-इंडिया आदि कार्यक्रमों की प्रशंसा की।

आयोग के महासचिव श्री अम्बुज शर्मा ने आयोग के रजत जयंती समारोह को अधिक सार्थक एवं विस्मरणीय बनाने के लिए आम जनता के बीच मानव अधिकारों के संदेश को पहुंचाने के लिए आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी। इनमें अन्य बातों के साथ शामिल हैं ऑनलाइन मानव अधिकार शपथ, जो पहले कही लगभग एक लाख लोगों द्वारा ली जा चुकी है, टोल फ्री हेल्पलाइन (14433) की शुरूआत, कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा अपने कोर समूह का विस्तार दो और कोर समूह “एल.जी.बी.टी.आई.” एवं “व्यापार, पर्यावरण एवं मानव अधिकार” को जोड़कर किया, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की, मानव अधिकार मेला का आयोजन तथा मानव अधिकार नुक्कड़ नाटक उत्सव तथा मानव अधिकार वॉक।

केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री मनोज सिन्हा इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्यों न्यायमूर्ति श्री पी. सी. घोष, श्रीमती ज्योतिका कालरा एवं भूतपूर्व अध्यक्ष, सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद थे। आयोजकों के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्तियों में

*****