मानव अधिकार मेला एवं नुक्कड़ नाटक उत्सव

आयोग ने 13 अक्तूबर, 2018 को आयोग ने राजीव चौक (कनॉट प्लेस) स्थित सेन्ट्रल पार्क के एम्फी थिएटर क्षेत्र में देश में अपनी ही तरह का एक मानव अधिकार मेला एवं नुक्कड़ नाटक उत्सव का आयोजन किया। इसका उद्घाटन आयोग की सदस्या, श्रीमती ज्योतिका कालरा ने किया। मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर सात चयनित समूहों (प्रतियोगिता में कुल 26 समूहों से प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी) ने अपने नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया तथा पुरस्कार हेतु प्रतिस्पर्धा की। श्रीमती ज्योतिका कालरा, सदस्या, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की अध्यक्षता में श्री सुरजीत डे, रजिस्ट्रार (विधि) तथा श्रीमती सुमेधा द्विवेदी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाली जूरी ने पुरस्कार हेतु नाटकों का चयन किया।

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₹1,00,000/- का प्रथम पुरस्कार जानकीदेवी महिला कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की नुक्कड़ नाटक सोसायटी को उनके नाटक मैला कुचैला के लिए दिया गया जिसमें उन्होंने सिर पर मैला ढोने वालों एवं उनके जीवन गरिमा एवं समानता के अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता एवं चुनौतियों को रेखांकित किया गया था। ₹60,000/- का द्वितीय पुरस्कार रुद्राक्ष कला मंडल को उनके नाटक ’अपना अधिकार पहचानो’ के लिए दिया गया जिसमें उन्होंने महिलाओं पर होने वाले घरेरू हिंसा से निपटने एवं अधिकार निकायों से संपर्क कर विधिक सलाह लेने पर ध्यान आकर्षित किया था तथा ₹40,000/- का तृतीय पुरस्कार ज़ज्बा थिएटर ग्रुप को दिया गया जिन्होंने ’भूख’ नाटक का प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने भोजन के अधिकार के संरक्षण में आने वाली चुनौतियों तथा भोजन की बरबादी को रोकने के लिए लोगों द्वारा बेहतर ढंग से इस बरबादी को रोकना सुनिश्चित करने से संबंधित चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया था। इसके अलावा, सभी 7 प्रतिभागी समूहों में से प्रत्येक को ₹25,000/- भी प्रदान किए गए।

पुरस्कार प्रदान करते हुए आयोग के महासचिव श्री अम्बुज शर्मा ने कहा कि आयोग मानव अधिकारों की जागरुकता फैलाने के लिए लोगों की भागीदारी एवं संलिप्तता को बढ़ाने के लिए पारंपरिक समाचार मीडिया के अतिरिक्त वैकल्पिक मीडिया प्लेटफॉर्म की भी खोज कर रहा है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के मानव अधिकार लघु फिल्म फेस्टिवल एवं मानव अधिकार नुक्कड़ नाटक फेस्टिवल, अन्य समारोहों के अलावा आयोग के इस प्रयास का ही एक भाग हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में आयोग जमीनी स्तर पर लोगों से सीधे जुड़ने के लिए उनके द्वारा बोली एवं समझी जाने वाली विभिन्न भाषाओं में देशभर में मानव अधिकार फेस्टिवल को बढ़ाने का प्रयास करेगा। डॉ. रणजीत सिंह, संयुक्त सचिव (कार्मिक एवं प्रशासन), डॉ. संजय दुबे, निदेशक (प्रशासन), श्री जैमिनि कुमार श्रीवास्तव, उपनिदेशक (मीडिया एवं संचार) के साथ-साथ आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।

मेले में आए सैंकड़ों लोगों ने इन नुक्कड़ नाटकों को देखा जिससे इस शाम में मनोरंजन शिक्षा एवं सूचना पर केन्द्रित विषयों ने लोगों को मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रोत्साहित किया। दिल्ली पुलिस की टीम ने भी अपने पाइप बैंड, महिला स्वंयरक्षक तकनीक एवं संकट के क्षण में दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को संपर्क किस प्रकार किया जाए से संबंधित स्किट का प्रदर्शन किया। थिएटर प्रदर्शन के बीच में संगीत एवं गीत भी प्रस्तुत किए गए। देश के अग्रणी गैर सरकारी संगठनों जैसे हैल्पेज इंडिया, बचपन बचाओ आन्दोलन, दिल्ली पुलिस, अर्द्ध सैन्य बल, केन्द्रीय तिहाड़ जेल के अलावा आयोग के अपने कार्यों को दर्शाने के लिए एम्फी थिएटर के इर्द-गिर्द स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉलों में कुछ पुस्तकें साहित्य एवं आलेख आदि भी उपलब्ध कराए गए थे।