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यह एन.एच.आर.सी. का सत्रहवां अंक है।
यह राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के जर्नल का 16 वां अंक है।
यह एक वार्षिक प्रकाशन है।
स्टैण्डर्ड आॅपरेटिंग प्रोसिजर (एस.ओ.पी.) फाॅर काॅम्बैटिंग
फाॅरेंसिक इन्वेस्टिगेशन आॅफ हैल्थ राइट्स वाइलेशन इन कस्टडी” शीर्षक की पुस्तिका राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की जांच में संलिप्त अन्वेषणकर्ताओं जैसे पुलिस, न्यायिक अधिकारी, एनएचआरसी मेडिकल जांच दल, फाॅरेंसिक विशेषज्ञ आदि को सहायता देने के लिए, हिरासतीय मरीज़ों के लिए उपचार देने वाले डाॅक्टरों एवं हिरासतीय मौतों के मामलों में पोस्टमार्टम करने वाले डाॅक्टरों को सहायता देने के लिए तैयार की गई है। कैदियों के स्वास्थ्य के अधिकारों को स्वीकार करने के लिए इस पुस्तिका के माध्यम से प्रयास किया गया है ताकि सभी पणधारियों को स्वास्थ्य देख-रेख सेवाएं मुहैया कराने में विभिन्न पक्षों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका की समझ उत्पन्न हो। हालांकि, सभी मुद्दों को शामिल एवं वर्णित करना बेहद कठिन है परन्तु मानव अधिकारों के उल्लंघन से संगत फाॅरेंसिक जांच के अधिकतम विषयों को शामिल करने का प्रयास किया गया है।
बंधुआ मज़दूरी प्रणाली जहां भी विद्यमान है एक हानिकारक प्रणाली है जो मानव जाति के इतिहास में काले युग की याद दिलाता है। भारतीय समाज इस सामाजिक कुप्रथा से लड़ने के लिए प्रयासरत है।