एनएचआरसी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा का कहना है कि वितरणात्मक न्याय के माध्यम से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का उद्धार समय की मांग है।
नई दिल्ली, 24 मार्च 2023
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, ने आज कहा कि भारतीय संविधान और अन्य वैधानिक संस्थासनों में मानव अधिकार सिद्धांतों के प्रावधानों के लागू होने के बावजूद, हम ट्रांसजेंडर समुदाय को न्याय देने में असमर्थ रहे हैं। वे एलजीबीटीआई मुद्दों पर एनएचआरसी कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में गरिमापूर्ण व्यवहार का अधिकार होना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने सुरक्षित सार्वजनिक स्थान और यूनिसेक्सम सार्वजनिक शौचालय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ जारी भेदभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि लंबे समय तक चलने वाले मनोवैज्ञानिक आघात, माता-पिता द्वारा देखभाल से इनकार और शैक्षणिक संस्थानों में भावनात्मक और शारीरिक शोषण से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के दस्तावेज़ीकरण के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया जो उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं, लाभों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने से रोकता है।
इससे पहले चर्चा शुरू करते हुए, एनएचआरसी के महासचिव श्री डी. के. सिंह ने स्वीकार किया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कार्यस्थलों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उनके साथ होने वाला यह भेदभाव उनके जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर इस प्रकार की लैंगिक रूढ़िवादिता ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पूर्णत: 'स्त्रीत्वस' और 'पुरुषत्व' तौर-तरीकों के बारे में सामाजिक मानदंडों को स्वीरकार न करने के लिए प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित प्रमुख चुनौती भविष्यक में उनके लिए आय के स्रोत की कमी और वित्तीय स्वतंत्रता के अवसर हैं।
इस पर हैरानी जताते हुए, एनएचआरसी सदस्य श्री राजीव जैन ने कहा कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए उद्यमशीलता के अवसरों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि फिल्मों और पुस्तिकाओं के माध्यम से मानव अधिकार साक्षरता और जागरूकता को बढ़ावा देना समय की मांग है।
बैठक में एनएचआरसी सदस्य, डॉ. ज्ञानेश्वर एम. मुले, रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, महानिदेशक (अन्वेाषण), श्री मनोज यादव, संयुक्त सचिव श्रीमती अनिता सिन्हा और श्री देवेंद्र कुमार निम, एनएचआरसी एलजीबीटीआई कोर ग्रुप के सदस्य, ट्रांसजेंडर मुद्दों पर एनएचआरसी के विशेष मॉनिटर, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय और राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नागरिक समाज के सदस्यों और ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।