एनएचआरसी द्वारा बिहार से चेन्नई के एक मदरसे में लाए गए 12 अनाथ किशोरों पर अत्याचार की सूचना पर तमिलनाडु और बिहार की सरकारों को नोटिस जारी



नई दिल्ली: 3 दिसंबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि बिहार के अनाथ किशोरों को रखने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए चेन्नई, तमिलनाडु में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और पोन्नियाम्मनमेडु स्थित एक मदरसे से 12 किशोरों को बचाया गया है।

आयोग ने तमिलनाडु और बिहार सरकार के मुख्य सचिवों और चेन्नई, तमिलनाडु के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आयोग ने देखा कि हालांकि पुलिस ने कथित तौर पर त्वरित कार्रवाई की है और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन मामला संगीन और गंभीर प्रकृति का है, जिसके लिए कानून प्रवर्तन और बाल कल्याण एजेंसियों द्वारा गहन जांच की आवश्यकता है ताकि यह देखा जा सके कि क्या ऐसी अन्य जगहें भी हैं, जहां मासूम बच्चों को देश के दूसरे हिस्सों से लाया जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया जा रहा है।

आयोग पीड़ित किशोरों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित एजेंसियों द्वारा इस मामले में की गई या की जाने वाली कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।

इसके अलावा, आयोग ने अपने विशेष प्रतिवेदक डॉ. राजिंदर कुमार मलिक को बिहार राज्य का दौरा करने के लिए कहा है जहां से इन किशोरों को तमिलनाडु लाया गया था। उनसे उस घटना के संबंध में एक तथ्यान्वेषी जांच करने की अपेक्षा की जाती है जिसमें युवा अनाथ किशोर पीड़ितों को विभिन्न राज्यों में स्थानों पर ले जाया गया था। आयोग के लिए बिहार राज्य में उन जिम्मेदार एजेंसियों के बारे में जानना आवश्यक है जो अपने वैध कर्तव्य को निभाने में विफल रहीं। उन्हें घटना के बारे में और जानने के लिए चेन्नई में पीड़ित किशोरों से मिलने और उनकी जांच करने के लिए भी कहा गया है। उनकी रिपोर्ट एक महीने के भीतर आने की उम्मीद है।

1/12/2022 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को 1098 हेल्पलाइन के माध्यम से सूचना मिली थी कि चेन्नई में माधवरम के पास पोन्नियाम्मनमेडु स्थित एक मदरसे में कुछ बच्चों का उत्पीड़न और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और आरोपी, जो बिहार राज्य के हैं, को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे यह उल्लेख किया गया है कि एक बाल कल्याण अधिकारी की उपस्थिति में, बच्चों को पुलिस द्वारा सरकारी बच्चों के अस्पताल में ले जाया गया और बाद में उन्हें रॉयपुरम बॉयज होम में स्थानांतरित कर दिया गया।