एनएचआरसी ने कैमूर जिले में पुलिस कर्मियों द्वारा एक बुजुर्ग शिक्षक, जब उसकी साइकिल फिसलने के कारण वह सड़क पर गिर गया तथा ट्रैफिक जाम हो गया, की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया।
नई दिल्ली, 24 जनवरी, 2023
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि 20 जनवरी, 2023 को बिहार के कैमूर जिले में एक 70 वर्षीय व्यक्ति को दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से डंडों से पीटा गया था। पीड़ित पिछले कई वर्षों से एक निजी स्कूल में पढ़ा रहा है और उस समय भी वह स्कूल जा रहा था जब उसकी साइकिल फिसल गई और वह सड़क पर गिर गया, जिससे एक पल के लिए ट्रैफिक जाम हो गया, जबकि वह उठने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान, दोनों पुलिसकर्मी सरेआम उसकी पिटाई करने लगे।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री के साथ-साथ घटना का एक वीडियो पीड़ित के जीवन और सम्मान के अधिकार के उल्लंघन के गंभीर मुद्दे को उठाता है। लोक सेवकों ने कथित रूप से अपनी शक्ति का दुरूपयोग किया और इस तरह से कार्य किया, जो किसी भी तरह उनके आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन से जुड़ा नहीं था। इन जैसे लोक सेवकों से सख्ती से निपटने और ऐसी परिस्थितियों को समझदारी और मानवीय दृष्टिकोण से संभालने के लिए उन्हें संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है।
तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, बिहार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की वर्तमान स्थिति और उनके खिलाफ की गई या की जाने वाली विभागीय कार्रवाई अपेक्षित है। आयोग पीड़ित की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में भी जानना चाहेगा। रिपोर्ट में पीड़ित को, यदि कोई मुआवजे का भुगतान किया गया हो तो, शामिल होना चाहिए।
आयोग ने यह भी देखा है कि सड़क दुर्घटनाओं का आघात से आम तौर पर पीड़ित व्यक्ति एक पल के लिए स्तब्ध और घबरा जाता है। ऐसे में मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि वे पीड़ितों पर चिल्लाने और उन्हें पीटने की बजाय उनकी मदद करें।
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