राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर दिल्ली सरकार द्वारा एक संविदा चिकित्सक को कोविड-19 संक्रमण के बाद की जटिलताओं के इलाज के लिए 83,43,819 रुपये की प्रतिपूर्ति; दिल्ली सरकार और केन्द्र को भी सभी संविदा चिकित्सा कर्मचारियों ...
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर दिल्ली सरकार द्वारा एक संविदा चिकित्सक को कोविड-19 संक्रमण के बाद की जटिलताओं के इलाज के लिए 83,43,819 रुपये की प्रतिपूर्ति; दिल्ली सरकार और केन्द्र को भी सभी संविदा चिकित्सा कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य नीति तैयार करने के लिए याद दिलाया।
नई दिल्ली, 12 अगस्त, 2021
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर, दिल्ली सरकार ने डॉ. अमित गुप्ता को 83,43,819 रुपये की उपचार लागत की प्रतिपूर्ति की है। वह दिल्ली के सत्यवादी हरिश्चन्द्र अस्पताल में सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर (बाल रोग) के पद पर कार्यरत थे। हालांकि, संविदा चिकित्सक होने के कारण उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही थी।
आयोग ने इस संबंध में एक शिकायत के आधार पर 16 मई, 2021 को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर बीमार डॉ. गुप्ता को तत्काल वित्तीय सहायता और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए कहा था। उन्हें केन्द्र या राज्य सरकारों द्वारा तैनात सभी संविदा चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए एक नीति तैयार करने के लिए भी कहा गया था।
जवाब में, दिल्ली सरकार ने यह भी सूचित किया है कि उन्होंने महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा, डीजीएचएस से संविदा के आधार पर काम पर रखे गए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एक नीति तैयार करने का अनुरोध किया है। इसमें उनके लिए चिकित्सा बीमा शामिल हो सकता है।
डॉ. गुप्ता के इलाज पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति की दिशा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए आयोग ने कहा है कि उम्मीद है कि दिल्ली के मुख्य सचिव सभी संविदा चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक नीति तैयार करना सुनिश्चित करेंगे और 6 सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
हालांकि, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से अपने नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर, आयोग ने मंत्रालय के सचिव को इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में 6 सप्ताह के भीतर सूचित करने के लिए एक अनुस्मारक भी भेजा है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एम्स में संविदा डॉक्टरों/रेजीडेंट डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ईएचएम (कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा) का लाभ मिल रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के अन्य अस्पतालों के संविदा डॉक्टर/रेजीडेंट डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को ये समान सुविधाएं नहीं मिल रही थीं। कथित तौर पर, दिल्ली सरकार के पास मृतक कोरोना योद्धाओं के परिजनों को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान है, लेकिन उनके द्वारा अपने सार्वजनिक/लोकहित कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान बीमार पड़ने पर उनकी देखभाल नहीं कर रहे थे।