राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा झारखण्ड राज्य के 159 ब्लॉकों में 55% लाभार्थियों को आईसीडीएस के तहत पोषण नहीं मिलने का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्ट पर केंद्र और झारखंड सरकार को नोटिस जारी
नई दिल्ली, 13 जुलाई, 2021
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि झारखंड के 159 ब्लॉकों में एक सर्वेक्षण के अनुसार, 55% लाभार्थियों को एकीकृत बाल विकास योजना, आईसीडीएस के तहत पूरक पोषण नहीं मिला। आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो भोजन के अधिकार के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा उठाती है, जो कि बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है, जिसकी रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है।
तदनुसार, इसने मुख्य सचिव, झारखंड सरकार और सचिव, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
06 जुलाई, 2021 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भोजन का अधिकार अभियान की सर्वेक्षण रिपोर्ट झारखंड के 159 ब्लॉकों में 18288 लाभार्थियों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जिन्हें आईसीडीएस के तहत इस साल पहले छह महीनों में एक बार भी पूरक पोषण नहीं मिला। कथित तौर पर लाभार्थियों को 200 करोड़ रुपये की कीमत वाली पोषक तत्वों की खुराक नहीं दी गई।
कथित तौर पर, झारखंड में, हर दूसरा बच्चा अविकसित या कम वजन का है और हर तीसरा बच्चा स्टंटिंग से प्रभावित है, और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार लगभग 70% बच्चे एनीमिक हैं। आईसीडीएस योजनाओं के तहत 6 माह से 6 वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पूरक पोषण, स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्रदान की जाती हैं।
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