राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा टीकमगढ़ में पुलिस हिरासत में चार नाबालिगों को प्रताड़ित करने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी



नई दिल्ली, 7 मई, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि 30 अप्रैल, 2022 से मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में चोरी के संदेह में चार किशोरों को पुलिस हिरासत में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। समाचार रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि किशोरों को पुलिस ने जंजीरों से जकड़ा हुआ है और उनके शरीर पर चोट के निशान हैं जो दर्शाता है कि उन्हें पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

आयोग ने पाया है कि, मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, पीड़ित बच्चों के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है। नाबालिगों को थाने में नहीं रखा जा सकता। भले ही, पुलिस का मानना था कि उन्होंने अपराध किया है, उन्हें किशोर पुलिस इकाई या एक नामित बाल कल्याण पुलिस अधिकारी की देखरेख में दिया जाना चाहिए था। किशोरों को उनकी गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था और उन्हें किसी भी मामले में जंजीर से नहीं बांधा जाना चाहिए।

तदनुसार, मध्य प्रदेश सरकार को उसके मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के माध्यम से नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष मामले की वर्तमान स्थिति और उनकी चिकित्सा स्थिति सहित आयोग और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 में निहित अहस्तांतरणीय और अनफ़िल्टर्ड मानवाधिकारों का उल्लंघन करके कानून की धज्जियां उड़ाने वाले अपराधी पुलिस अधिकारियों की पहचान आदि पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आज 7 मई, 2022 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन नाबालिग लड़कों की गिरफ्तारी का आज तक पुलिस रिकॉर्ड में उल्लेख नहीं किया गया है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा से 1.5 लाख रुपये की चोरी की शिकायत पर सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर हिरासत में लिया गया है।

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