राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने जिला जबलपुर, मध्य प्रदेश के राजस्व अभिलेखों में भूमि के असली मालिक का नाम बहाल करना सुनिश्चित किया



नई दिल्ली, 8 सितंबर, 2021

राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत को उसके नोटिस के जवाब में, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अंततः सूचित किया गया है कि जबलपुर जिले के राजस्व रिकॉर्ड में एक आवासीय संपत्ति के असली मालिक का नाम पुन: बहाल कर दिया गया है।

इससे पहले, जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने पाया कि यह आश्चर्यजनक था कि बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए भूमि अभिलेखों में प्रविष्टियों को कैसे बदल दिया गया और शिकायतकर्ता को उसके स्वामित्व अधिकारों से अवैध रूप से वंचित कर दिया गया।

हालाँकि, उपस्थिति के लिए कलेक्‍टर को सशर्त समन जारी किए जाने के बाद ही मध्य प्रदेश सरकार ने अंततः सूचित किया कि गलती को सुधारा गया था। तकनीकी/लिपिकीय त्रुटियों के कारण शिकायतकर्ता का नाम खसरा से गायब हो गया था न कि किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश के तहत।

शिकायतकर्ता ने 05.08.2020 को आरोप लगाया था कि उसने जबलपुर जिले की गोरखपुर तहसील में अपने नाम दिनांक 12.07.1996 में पंजीकृत विलेख के माध्‍यम से 1500 वर्ग फुट का प्लॉट खरीदा था। लेकिन उन्होंने पाया कि भूमि के म्‍यूटेशन में लगभग बीस वर्षों के बाद, उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड से गायब हो गया था।

कथित तौर पर, पटवारी और तहसीलदार ने राजस्व रिकॉर्ड को सही करने के बजाय, उन्हें फिर से जमीन के म्यूटेशन के लिए जाने की सलाह दी। इसके बाद, उन्होंने जिला कलेक्टर से संपर्क किया, लेकिन जिला कलेक्टर के आदेशों के बावजूद, संबंधित पटवारी ने राजस्व रिकॉर्ड को सही नहीं किया और इसलिए, उन्होंने मामले में हस्तक्षेप के लिए राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग से संपर्क किया।

*****