राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राजस्थान के जालोर में स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा शारीरिक दंड के कारण एक बच्चे की मौत के मामले का स्वत: संज्ञान लिया



नई दिल्ली, 16 अगस्त, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि राजस्थान के जालोर जिले के सुराना क्षेत्र में सरस्वती विद्यालय में पढ़ रहे अनुसूचित जाति के कक्षा तीन के एक छात्र को दिनांक 20.07.2022 को स्कूल में प्रधानाध्यापक द्वारा पीटा गया, जिसके कारण उसे गंभीर चोटें आईं और चिकित्सा उपचार के दौरान अहमदाबाद के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।

आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, राजस्थान को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति और जिम्मेदार प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई शामिल है। पुलिस महानिदेशक, राजस्थान से यह स्पष्ट करने की भी अपेक्षा की जाती है कि पीड़ित के परिवार द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद पुलिस द्वारा 23 दिनों तक मामले में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत सांविधिक राहत के भुगतान की स्थिति के अलावा, आयोग राज्य सरकार से जानना चाहता है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित समाज के कमजोर वर्गों के साथ इस तरह के अमानवीय और क्रूर कृत्य न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं या क्या कदम उठाए जाने का प्रस्ताव है। राज्य सरकार और पुलिस प्रमुख से चार सप्ताह के भीतर जवाब की उम्मीद है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लड़के ने प्रधानाध्यापक के लिए रखे एक बर्तन से पीने के लिए पानी लिया था और जब प्रधानाध्यापक ने देखा तो उसने उसे बुरी तरह पीटा। पीड़ित के कान के पास चोटें आई थीं। कथित तौर पर, प्रधानाध्यापक ने परिवार पर समझौता करने के लिए अनुचित दबाव भी डाला और मामले को शांत करने के लिए उन्हें 1.5 लाख रुपये की राशि दी। परिजनों की लाख कोशिशों के बाद भी पुलिस ने 23 दिन तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की।

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