व्यापार और मानव अधिकार पर एनएचआरसी कोर ग्रुप ने व्यावसायिक ट्रक चालकों के मुद्दों पर चर्चा की; उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सहयोगी, व्यावहारिक और कार्यान्वयन योग्य समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया



नई दिल्ली, 19 अप्रैल, 2022

न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने आज व्यावसायिक ट्रक चालकों की दुर्दशा पर गंभीर चिंता व्यक्त की और उनके मानव अधिकारों के स्पष्ट उल्लंघन को सामने लाने का सुझाव दिया। वे नई दिल्ली में व्यापार और मानव अधिकार पर आयोग के कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि सकल घरेलू उत्पाद का 5% परिवहन क्षेत्र से आता है और व्यावसायिक ट्रक चालकों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में दिए जाने वाले आवश्यक योगदान को समझते हुए, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो उनके हितों और स्वास्थ्य की देखभाल करें।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि ट्रक चालकों को संगठित कार्यबल के रूप में मान्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र और राज्य के प्रयासों की सराहना की जाती है, फिर भी सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान, पदार्थों के दुरुपयोग को कम करने, उनके गैर-जिम्मेदार यौन व्यवहारों के बारे में जागरूकता, उनके वेतन को मानकीकृत करने और नियमित अवकाश के प्रावधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

उद्घाटन सत्र के अलावा, बैठक को तीन तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया था जिसमें 'शोषण से सुरक्षा', 'सामाजिक-आर्थिक कल्याण ढांचा' और व्यावसायिक ट्रक चालकों की 'शारीरिक और मानसिक भलाई' शामिल थी।

चर्चा के दौरान उभरे कुछ महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं:

• ट्रक ड्राइवरों को अनिवार्य स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा प्रदान किया जाना;

• सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर आराम करने, स्वच्छ भोजन, पीने योग्य पानी और साफ सफ़ाई की सुविधाओं सहित ट्रक-स्टॉप और विश्राम स्थलों का प्रावधान,

• • जीवन बीमा, भविष्य निधि, आदि सहित अनिवार्य सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ औपचारिक पारिश्रमिक संरचना;

• • भ्रष्टाचार और रिश्वत की शिकायतों के पंजीकरण के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करना, और

• • व्यावसायिक ट्रक चालकों की गतिहीन और अनम्य और अत्यधिक तनावपूर्ण जीवन शैली से राहत के रूप में बुनियादी मनोवैज्ञानिक कल्याण प्रदान करने के प्रयास।

बैठक में चर्चा और प्रस्तुतियों के अलावा, एनएचआरसी अध्यक्ष ने प्रतिभागियों से कानूनों, नियमों, विनियमों और उनके कार्यान्वयन में अंतराल की पहचान करते हुए अपने विशिष्ट सुझाव भेजने के लिए कहा, जिससे व्यावसायिक ट्रक चालकों के अधिकारों की रक्षा हेतु भविष्‍य के लिए सिफारिशें तैयार की जा सकें।

प्रतिभागियों में एनएचआरसी के सदस्य, न्यायमूर्ति श्री एम.एम. कुमार, डॉ. डी.एम. मुले, और श्री राजीव जैन; डीजी, श्री संतोष मेहरा, रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, संयुक्त सचिव, श्रीमती अनीता सिन्हा और श्री एच.सी. चौधरी, आयोग के अधिकारी, एनएचआरसी कोर ग्रुप के सदस्य, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, श्रम और रोजगार तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय; अखिल भारतीय ट्रांसपोर्टर कल्याण संघ, बीमा नियामक एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, निमहंस और सेव लाइफ फाउंडेशन के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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