अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा का संदेश
नई दिल्ली, 30 सितंबर, 2022
"सभी के लिए शुभकामनाएं!
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत 1 अक्टूबर, 2022 को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने के लिए राष्ट्र के साथ-साथ वैश्विक समुदाय में शामिल होगा।
वृद्ध व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों की बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए वृद्ध व्यक्तियों के मुद्दे को उजागर करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है। जनसंख्या की उम्र बढ़ना इक्कीसवीं सदी के सबसे बड़े सामाजिक परिवर्तनों में से एक हो सकता है। वर्तमान में 1 बिलियन से अधिक व्यक्ति हैं जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, जिनमें से अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। लाभकारी योजनाओं के बावजूद, उनमें से कई के पास सार्थक और सम्मानजनक अस्तित्व के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी होती है और कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो उन्हें समाज में पूरी तरह से भाग लेने से रोकता है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की थीम 'बदलती दुनिया में वृद्धजनों का अनुरूपण' है। इस विषय को बाधाओं पर काबू पाने और उनके समाधान में सकारात्मक योगदान देने में बुज़र्गों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाने के घोतक के रूप में देखा जा सकता है।
हमने देखा है कि कैसे कोविड-19 महामारी ने समाज के सभी पहलुओं को प्रभावित किया, लेकिन मुख्य रूप से कमजोर पहलुओं, जैसे कि बुजुर्गों को। बुजुर्गों की चिंताओं को दूर करने के लिए एनएचआरसी ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को एक परामर्शी जारी की है।
आयोग की ओर से, मैं इसमें शामिल सभी हितधारकों से समावेशी नीतियों, रणनीतियों को विकसित करने और सभी वृद्ध लोगों के अधिकारों को आगे बढ़ाने और उनकी रक्षा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का प्रयास करने का आग्रह करता हूं, जिससे निस्संदेह उनके जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक खुशहाली में सुधार होगा।
जय हिन्द।"