एनएचआरसी के सदस्य, डॉ. डी. एम. मुले ने वृद्धजनों पर कोर ग्रुप की बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए वृद्धजनों को सेवाओं की स्पष्टता और आसान पहुंच प्रदान करने के लिए देशभर में एक समान स्थायी सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।



नई दिल्ली, 28 फरवरी, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आज वृद्धजनों के स्वास्थ्य के अधिकार और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच तथा आर्थिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने कोर ग्रुप की एक बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनएचआरसी सदस्य डॉ ज्ञानेश्वर मनोहर मुले ने एनएचआरसी सदस्य श्री राजीव जैन, वरिष्ठ अधिकारियों, कोर सदस्यों और विशेषज्ञों की उपस्थिति में कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय नीति और माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही कई कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद, उम्रदराज़ तबके को उन योजनाओं तक पहुँचने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की मदद से, जमीनी स्‍तर पर इन बाधाओं को दूर करना और वृद्धजनों के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को बढ़ाने के उपायों का पता लगाना आवश्यक है।

डॉ. मुले ने कहा कि पूरे देश में एक समान स्‍थाई, सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली वृद्धजनों के लिए सेवाओं की स्पष्टता और आसान पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों और नागरिक समाजों द्वारा वृद्धाश्रमों की स्थापना को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, हालांकि यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी निगरानी आवश्यक है कि स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान किए बिना लाभ के लिए असामाजिक तत्व इनका दुरुपयोग न करें।

इससे पहले चर्चा शुरू करते हुए, एनएचआरसी के महासचिव श्री डी. के. सिंह ने कहा कि सेवाओं के डिजिटलीकरण से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जागरूकता आई है, लेकिन डिजिटल विभाजन और इंटरनेट उपकरणों को संचालित करने में उनकी अक्षमता के कारण वृद्धजनों तक उनकी पहुंच चिंता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आयोग को वृद्धजनों के मानव अधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों पर कई शिकायतें मिलीं और संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरणों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए अनुशंसाएं की गई हैं।

श्री राजीव मांझी, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य के मुद्दों पर कड़ी नजर रख रही है, वृद्धजनों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर रही है क्योंकि 2050 तक देश में जनसंख्या तीन गुना होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि लगभग 595 जिला अस्पतालों में जराचिकित्सक बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं और अन्य में जराचिकित्सीय देखभाल केंद्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल के लिए दो राष्ट्रीय केंद्र जल्द ही नई दिल्ली तथा चेन्नई एम्स अस्‍पतालों में खोले जा रहे हैं।

जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें अन्य बातों के अलावा, हर राज्य में वृद्धावस्था पेंशन में एकरूपता की आवश्यकता के साथ-साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 80 साल से कम उम्र के लोगों को मौजूदा 200 रुपये प्रति माह और 80 साल से ऊपर के लोगों को 500 रुपये प्रति माह उचित अतिदेय वृद्धि करना; देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में जराचिकित्सीय देखभाल विभाग का सृजन करना; प्रत्येक रविवार को सभी सार्वजनिक अस्पतालों में वृद्धजनों के लिए समर्पित क्लीनिक खोलना; आय के वैकल्पिक स्रोत और वृद्धजनों को कम प्रीमियम में स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना; वृद्ध कैदियों के लिए अलग जेल सेल बनाना शामिल है।

एनएचआरसी के महानिदेशक (अन्‍वेषण्‍), श्री मनोज यादव, रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, संयुक्त सचिव, श्रीमती अनीता सिन्हा और श्री देवेंद्र कुमार निम, कोर ग्रुप सदस्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, हेल्प-एड इंडिया के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय समाज रक्षा विद्यालय, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान ने इस बैठक में भाग लिया।