एनएचआरसी के हस्तक्षेप से तमिलनाडु में केंद्र की समग्र शिक्षा योजना की संविदा महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश का लाभ सुनिश्चित होना



नई दिल्ली, 28 जून, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित हुआ है कि अब तमिलनाडु में केंद्र की समग्र शिक्षा योजना की अस्थायी महिला कर्मचारियों को भी मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार, 12 सप्ताह के बजाय 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा। तमिलनाडु सरकार ने आयोग को सूचित किया है कि उसने विसंगति को सुधारते हुए एक शुद्धिपत्र जारी किया है।

आयोग ने 27 जनवरी, 2023 को एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था कि समग्र शिक्षा योजना की संविदा महिला कर्मचारियों को मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 में प्रावधान के अनुसार 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा था। उन्हें केवल 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिल रहा था। कथित तौर पर,उस विसंगति को ठीक करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और तमिलनाडु सरकार को कई अभ्यावेदन के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई जो कि महिला कर्मचारियों के मानव अधिकारों का उल्लंघन है।

आयोग ने अपनी कार्यवाही दिनांक 25.01.2023 के माध्यम से निर्देश जारी करते हुए सचिव, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और आयुक्त, श्रम विभाग, तमिलनाडु सरकार को शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने और एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा।

जवाब में, आयोग को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से एक ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमें बतया गया कि 'शिक्षा' विषय वस्तु संविधान की समवर्ती सूची में है और कर्मचारियों के सेवा मामले संबंधित राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं। मंत्रालय इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु सरकार को पहले ही लिख चुका है।

इसके अलावा, आयोग को प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, तमिलनाडु से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें बताया गया कि राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा ने दिनांक 10.02.2023 को एक शुद्धिपत्र जारी किया है, जिसमें समग्र शिक्षा, तमिलनाडु के विवाहित अस्थायी महिला कर्मचारियों (समेकित वेतन पर) के लिए मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह के बजाय 26 सप्ताह के रूप में संशोधित किया गया है।