एनएचआरसी ने नई दिल्ली में आवारा कुत्तों द्वारा 2 साल की बच्ची को मार डालने के मामले में स्वत: संज्ञान लिया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 27 जनवरी 2024

एनएचआरसी ने नई दिल्ली में आवारा कुत्तों द्वारा 2 साल की बच्ची को मार डालने के मामले में स्वत: संज्ञान लिया

स्थिति को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए अधिकारियों द्वारा बिना किसी देरी के तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है

दिल्ली के मुख्य सचिव, एनडीएमसी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी

6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट अपेक्षित

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया है कि 24 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली के तुगलक लेन इलाके में आवारा कुत्तों के एक झुंड ने दो साल की एक बच्ची को कथित तौर पर नोंचकर जख्‍मी कर दिया, जिसके परिणामस्‍वरूप उसकी मृत्‍यु को गई। इलाके के निवासियों ने कथित तौर पर बताया है कि कुछ महीने पहले भी परिवार का एक और बच्चा इसी तरह के हमने का शिकार हुआ था। उन्होंने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और बच्चों पर हमले की घटनाओं को लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह मानव अधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला है। दिल्ली में आवारा कुत्तों के हमलों के कारण मानव जीवन की क्षति का यह इकलौता मामला नहीं है। पहले की दुखद घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, आयोग ने शहर के नगर अधिकारियों को केंद्र द्वारा जारी पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 के प्रावधानों के अनुसार आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए सभी निवारक और उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। यह नवीनतम घटना प्रचलित सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की आवश्यकता को इंगित करती है।

तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार, आयुक्त, नई दिल्ली नगर निगम और पुलिस आयुक्त, दिल्ली को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से यह सूचित करने की अपेक्षा की जाती है कि क्या मृतक के निकटतम संबंधी (एनओके) को कोई राहत दी गई है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त को मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

साथ ही, आयोग ने कहा है कि पशुओं के अधिकारों की भी मानव अधिकारों की तरह ही वकालत और समर्थन किया जाता है। हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों से इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं और इस तरह यह किसी एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के लिए समस्या नहीं है। स्थिति गंभीर और चिंताजनक है, जिसके लिए अधिकारियों द्वारा बिना किसी देरी के तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न फैसलों में यह भी उल्लेख किया है कि यह स्‍पष्‍ट है कि किसी व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार अपरिहार्य हैं। इसलिए, जीवन के मानव अधिकारों का संरक्षण करने की आवश्यकता है।

26 फरवरी, 2024 की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इलाके में एक समारोह चल रहा था, जिसके कारण शनिवार शाम 6:00 बजे के आसपास डीजे पर बजने वाले तेज संगीत के कारण हमले के दौरान के लड़की की चीखें सुनाई नहीं दीं। निवासियों ने कथित तौर पर कहा कि इस मुद्दे के समाधान के लिए उन्होंने इलाके में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाली महिला से संपर्क किया, लेकिन मामले में सहयोग करने के बजाय, उन्हें धमकी दी गई। कथित तौर पर, नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) की एक टीम ने भी पुष्टि की है कि क्षेत्र में कुछ अस्थायी कॉटेज और डॉग शेल्‍टर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते पाए गए।