एनएचआरसी ने नासिक के एक आश्रय गृह में यौन शोषण की सूचना पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया



नई दिल्ली, 28 नवंबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने मीडिया रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया है कि महाराष्ट्र के नासिक में एक बाल आश्रय गृह में कई लड़कियों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। कथित तौर पर, महाराष्ट्र के नासिक में बच्चों के लिए एक निजी सुविधा के निदेशक को पुलिस ने कुछ दिन पहले एक 14 साल की लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री जो सही है, तो मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि संबंधित जिला अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में संचालित आश्रय गृह का समुचित पर्यवेक्षण करने में विफल रहे हैं। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति, मामले में शामिल दंडात्मक अपराधों, जांच की प्रगति और परिणाम, अभियुक्तों की गिरफ्तारी, पीड़ित लड़कियों की स्वास्थ्य स्थिति और राज्य अधिकारियों द्वारा पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली मौद्रिक राहत/पुनर्वास, यदि कोई हो, को निर्दिष्ट करके शामिल हो,अपेक्षित है। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या पीड़ित कैदियों, विशेष रूप से दर्दनाक घटना के नाबालिग पीड़ितों को कोई परामर्श प्रदान किया गया है।

आयोग ने महाराष्ट्र राज्य के लिए एनएचआरसी के अपने विशेष प्रतिवेदक श्री पी.एन. दीक्षित को नासिक जिले के म्हसरुल में बाल आश्रय गृह का निरीक्षण करने, जिसमें बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा, भोजन, आवास, स्वास्थ्य और बच्चों के कल्याण के अलावा बच्चों के जीवन स्तर में सुधार के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दो माह में प्रस्तुत करने को कहा है।

28.11.2022 को की गई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मामले की जांच के दौरान, 15 छात्राओं से पूछताछ की गई, जिनमें से छह ने आरोपी यानी आश्रय गृह के निदेशक के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है। पॉक्सो अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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