एनएचआरसी ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक निजी नेटवर्क कंपनी द्वारा महिला श्रमिकों के साथ कथित यौन शोषण की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 21 जून, 2024

एनएचआरसी ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक निजी नेटवर्क कंपनी द्वारा महिला श्रमिकों के साथ कथित यौन शोषण की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया

कथित तौर पर, बिहार के विभिन्न जिलों में कंपनी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की

एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक निजी नेटवर्क कंपनी में काम करने वाली कई महिलाओं को कंपनी के संचालक ने नशीली गोलियां खिलाई, उन्‍हें पीटा गया तथा शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। कथित तौर पर ऐसी पीड़ित लड़कियों की संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है। कंपनी के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन पुलिस ने इन मामलों में कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। कंपनी ने अपनी शाखाएं बिहार, उत्तर प्रदेश तथा नेपाल में कई जगहों पर खोल रखी हैं।

दिनांक 18 जून 2024 को आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, गोपालगंज समेत 10 से ज्यादा जिलों में लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। कथित तौर पर, नेटवर्किंग कंपनी का संचालक पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्‍त रहा है। वह लड़कियों को ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर नेपाल ले जाता है, जहां उनका शारीरिक शोषण किया जाता है और विरोध करने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती है।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह उनके मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। तदनुसार, आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

राज्य सरकार से मांगी गई रिपोर्ट में, समाचार रिपोर्ट में उल्लिखित संचालक और नेटवर्किंग कंपनी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की संख्या, उनकी जांच की स्थिति तथा अपराधियों के खिलाफ पुलिस और नागरिक प्राधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई शामिल होनी चाहिए है। आयोग पीड़ित लड़कियों को अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई राहत और पुनर्वास के साथ-साथ चिकित्सा उपचार तथा परामर्श सेवाओं के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित उपायों के बारे में भी जानना चाहेगा।

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