एनएचआरसी ने मेघालय में असम सशस्त्र बलों द्वारा की गई गोलीबारी में छह लोगों की मौत का संज्ञान लिया; केंद्रीय गृह सचिव और मुख्य सचिव, असम से पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद वाले क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने के लिए कहा



नई दिल्ली, 29 नवंबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने मेघालय के मुख्यमंत्री के एक ज्ञापन का संज्ञान लिया है कि 22 नवंबर, 2022 को मेघालय के जिला पश्चिम जयंतिया हिल्स के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा की गई गोलीबारी में असम के एक वन अधिकारी सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी।

आयोग ने पाया है कि ऐसा लगता है कि यह घटना दो राज्यों - असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के कारण हुई है, जो कि एक बड़ा मुद्दा है, जो लंबे समय से लंबित है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस विवाद का समाधान हो जाता, तो इस प्रकार की घटना को टाला जा सकता था। राज्यों के बीच विवाद चाहे जो भी हो, ऐसी स्थितियों में पुलिस को संयम बरतना होता है। इसलिए, आयोग पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों/पुलिस द्वारा गोलीबारी के संचालन के बारे में एसओपी, यदि कोई हो, की जांच करना चाहेगा।

तदनुसार, आयोग ने गृह सचिव, भारत सरकार और मुख्य सचिव, असम सरकार, दिसपुर को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्हें इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद है, तंत्र विकसित करना एवं जांच करना / उपाय सुझाना है। जवाब दो सप्ताह में अपेक्षित है।

कथित तौर पर, यह घटना असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक का पीछा करने के बाद हुई। इन बलों द्वारा ट्रक को मुकरोह गांव में हिरासत में लिया गया था। मुकरोह के ग्रामीण अपने गांव में असम पुलिस की एंट्री से आक्रोशित हो गए। उन्होंने असम पुलिस और असम वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। घटना में चार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, अन्य चार गंभीर रूप से घायल ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो ग्रामीणों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

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