एनएचआरसी, भारत ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर में कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़े लोगों के एक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से एक प्रेमी युगल की पिटाई की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 1 जुलाई, 2024

एनएचआरसी, भारत ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर में कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़े लोगों के एक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से एक प्रेमी युगल की पिटाई की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया

इस मामले के अवलोकन से यह पता चलता है कि राज्य के अधिकारियों ने अतीत में ऐसी घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है और न ही एनएचआरसी द्वारा उठाई गई चिंताओं से कोई सबक लिया है

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी

साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने घटना सथल पर जांच के लिए अपनी टीम भेजने का फैसला किया है

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा डिवीजन के लक्ष्मीपुर गांव में दिनांक 29 जून, 2024 को कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़े लोगों के एक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पीटे गए एक प्रेमी युगल के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो भी उद्धृत किया गया है।

दिनांक 30 जून, 2024 को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित प्रेमी युगल के बीच प्रेम संबंध के आरोपों पर नाराज ग्रामीणों ने एक जन सुनवाई (पंचायत) में चर्चा की थी। तभी बदमाशों ने दोनों को पीटना शुरू कर दिया। कथित तौर पर, मुख्य अपराधी पर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल से जुड़ा होने का आरोप है और उसे वायरल वीडियो में दर्शकों के रूप में लोगों की भीड़ से घिरे जोड़े को गंभीर रूप से पीटते हुए देखा गया है।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह प्रेमी युगल के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। तदनुसार, आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में, मामले में पुलिस द्वारा की गई जांच की स्थिति, पीड़ितों के स्वास्थ्य स्थिति और उन्हें प्रदान किया गया चिकित्सा उपचार, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए। आयोग राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में भी जानना चाहेगा कि राजनीतिक रूप से संरक्षित गुंडों द्वारा नागरिकों के मानव अधिकारों के उल्लंघन की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने महानिदेशक (अन्‍वेषण) को तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्‍व में एक टीम गठित करने, घटना स्थल का दौरा कर मामले में मौके पर ही तथ्यान्वेषी जांच करने और जल्द से जल्द आयोग को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने आगे कहा है कि कानून के डर के बिना उक्‍त घटना में बदमाशों द्वारा की गई क्रूर और अपमानजनक हरकतें यह दर्शाती है कि राज्य के अधिकारियों ने न तो अतीत में हुई शर्मनाक घटनाओं से और न ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा जताई गई चिंता से कोई सबक सीखा है।

आयोग ने कहा है कि यह हाल ही में पश्चिम बंगाल राज्य में हुई एक अलग घटना नहीं है, जिसमें अनियंत्रित तत्वों द्वारा कानून को अपने हाथ में ले लिया गया है, निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं को पीड़ित किया गया है। जैसा कि उक्‍त समाचार रिपोर्ट में बताया गया है, इसी तरह की एक घटना में, कूच बिहार में एक महिला को कथित तौर पर नग्न किया गया और पीटा गया। इसके अलावा, आयोग ने पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर 24 परगना के संदेशखाली क्षेत्र में हुई महिलाओं के अपमान की शर्मनाक घटनाओं का भी संज्ञान लिया है, जिसमें कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़े एक व्यक्ति ने महिलाओं के साथ यौन शोषण और अत्याचार किया था। इस मामले में आयोग के एक माननीय सदस्य के नेतृत्व में एक टीम ने भी घटना स्‍थल पर जाकर मामले की जांच की थी।

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