भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, आगामी एशिया प्रशांत राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों के सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकर आयोग

नई दिल्ली, 7 सितंबर, 2023

पूर्व भूमिका

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, आगामी एशिया प्रशांत राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों के सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी

एनएचआरसी, भारत दवारा 20-21 सितंबर, 2023 को विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की मेजबानी की जाएगी

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 20 सितंबर, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। इसका आयोजन राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत द्वारा एशिया प्रशांत फोरम (एपीएफ) के तत्वाधान में 20-21 सितंबर, 2023 को किया जायेगा। सदस्य देशों के साझा हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एशिया प्रशांत फोरम 20 सितंबर, 2023 को अपनी 28वीं वार्षिक आम बैठक भी आयोजित करेगा। सम्मेलन में भारत और विदेश से 1300 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।

सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों के प्रमुख, सदस्य और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, राज्य मानव अधिकार आयोगों के प्रतिनिधि, विशेष प्रतिवेदक, मॉनिटर, देश में मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन में शामिल विभिन्न संस्थान, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के सदस्य, मानव अधिकार संरक्षक, वकील, न्यायविद, शिक्षाविद, राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधि, शैक्षणिक संस्थान आदि के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इससे पहले 2002 और 2014 में इस प्रकार के एशिया पैसिफिक फोरम एजीएम और सम्मेलन का आयोजन भारत में किया गया था।

द्विवार्षिक सम्मेलन में मानव अधिकारों पर सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) की 75वीं वर्षगांठ और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन उप-विषय के साथ, राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों एवं पेरिस सिद्धांत के 30 साल पूरे होने का भी जश्न मनाया जायेगा।

सम्मेलन के दौरान, 'परिदृश्य की स्थापना – सम्पूर्ण एशिया और प्रशांत क्षेत्र में मानव अधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण के 30 वर्ष' ; 'मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा और सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय'; तथा 'जलवायु परिवर्तन के राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यों के मानव अधिकारों के प्रभावों का जवाब देने और उन्हें कम करने में एनएचआरआई की भूमिका' विषयों पर तीन पूर्ण सत्र आयोजित किये जायेंगे । द्विवार्षिक सम्मेलन में मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन में एनएचआरआई की भूमिका, एशिया प्रशांत क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों और सीएसओ और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों जैसे हितधारकों के साथ साझेदारी और सहयोग के महत्व पर चर्चा होगी।

यूएनडीपी के साथ साझेदारी में 'व्यापार और मानव अधिकार' विषय के साथ-साथ एक और सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें व्यापार और उद्योग, श्रमिक संगठनों और संघों, विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, वैधानिक संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, मानव अधिकार संरक्षकों, गैर सरकारी संगठन, आदि के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस सत्र में विभिन्न व्यवसायों और प्रोफेशन में श्रमिकों के मानव अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

एनएचआरसी, एनएचआरआई के एशिया प्रशांत फोरम जिसकी स्थापना 1996 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र एनएचआरआई की स्थापना को बढ़ावा देने और मानव अधिकारों के यथासंभव प्रभावी ढंग से संरक्षण एवं संवर्धन में सहायता करने के लिए की गई थी, के संस्थापक सदस्यों में से एक है।

एपीएफ चार क्षेत्रीय एनएचआरआई नेटवर्क में से एक है, जिसमें अफ्रीका, एनएएनएचआरआई; अमेरिका, आरआईएनडीएचसीए; और यूरोप, एनएनएचआरआई, राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन (गनहरी) शामिल हैं। एनएचआरसी, भारत, एक स्वतंत्र और स्वायत्त 'ए' स्टेटस वाले एनएचआरआई के रूप में एपीएफ का एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है, जो पूरी तरह से पेरिस सिद्धांतों का अनुपालन करता है। इस वर्ष एनएचआरसी, भारत के अस्तित्व के 30 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं।

एनएचआरसी ने अपनी 30 वर्षों की इस यात्रा के दौरान 22 लाख से अधिक मामलों का निपटान किया और अपनी संस्तुतियों के जरिये मानव अधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को एक अरब रुपये से अधिक का भुगतान करवाया, जो विभिन्न सरकारी संस्थानों और एजेंसियों द्वारा आयोग के निर्णयों के प्रति सम्मान को दर्शाता है। मौके पर पूछताछ, देश भर में खुली सुनवाई और शिविर बैठकें, कई बिलों और कानूनों पर समीक्षा और टिप्पणियाँ, कई सेमिनारों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं का संचालन, परामर्शी, इंटर्नशिप, अनुसंधान परियोजनाएं, मासिक समाचार पत्रों सहित 100 से अधिक प्रकाशन, सैकड़ों मीडिया रिपोर्टें, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भागीदारी आदि एनएचआरसी के बहुआयामी कार्यों के साक्षी हैं। भारत में मानव अधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु किए गए कार्य तथा मानव अधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण में एनएचआरसी, भारत की भूमिका, इसे दुनिया में एनएचआरआई के समुदाय में विशिष्ट स्थान दिलाती है।

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