राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की संस्तुतियों पर राजस्थान सरकार, उन बस यात्रियों जिनकी बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी, को 30 लाख रुपये की राहत राशि का भुगतान करने के लिए सहमत
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली, 18 जनवरी, 2024
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की संस्तुतियों पर राजस्थान सरकार, उन बस यात्रियों जिनकी बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी, को 30 लाख रुपये की राहत राशि का भुगतान करने के लिए सहमत
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने राजस्थान सरकार द्वारा कोई लापरवाही न करने की दलील को खारिज करते हुए सिफारिश की, कि राजस्थान सरकार उन छह यात्रियों में से प्रत्येक के निकटतम सम्बन्धी को 5 लाख रुपये का भुगतान करे, जिनकी बस के 16 जनवरी, 2021 को जालोर जिले में एक बिना सुरक्षा वाले हाई वोल्टेज तार के संपर्क में आने पर बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है और मृतक पीड़ितों के निकटतम सम्बन्धी को राहत राशि का भुगतान कर रही है।
आयोग ने शिकायत के आधार पर घटना का संज्ञान लिया था और राजस्थान सरकार के विद्युत विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर, आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि सड़क पर बिजली के खंभे को ठीक करने में बिजली विभाग की ओर से लापरवाही की गई थी। 11 केवी विद्युत कनेक्शन में सुरक्षा की कमी थी जो केंद्रीय विद्युत विनियमन 2010 की धारा 73 का उल्लंघन था ।
आयोग के कारण बताओ नोटिस के जवाब में कि पीड़ितों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की राहत राशि का भुगतान करने की सिफारिश क्यों नहीं की जानी चाहिए, राज्य सरकार ने कहा था कि उसके बिजली विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई थी और इसलिए, राहत का सवाल ही नहीं उठता। साथ ही विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए, इसमें कहा गया है कि यह घटना तार के टूटने और गार्डिंग के अभाव के कारण नहीं हुई, बल्कि बस को उस स्थान से ले जाते समय कंडक्टर द्वारा विद्युत प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करने के कारण हुई, जहां वाहनों की ज्यादा आवाजाही नहीं थी। इसीलिए उक्त लाइन के नीचे 11 केवी बिजली कनेक्शन की कोई गार्डिंग नहीं थी। यह भी उल्लेखनीय है कि 16.1.2021 को जालोर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर भी अंतिम रिपोर्ट में खारिज की जा चुकी है एवं अदालत ने भी इसे स्वीकार कर लिया। इसलिए, वे इस मामले में कोई मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं थे।
हालांकि, 3.10.2023 की कार्यवाही के बाद आयोग ने कहा कि विद्युत विभाग केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियमन, 2010 की धारा 73 में दिए गये अपने उत्तरदायित्व से इनकार नहीं कर सकता है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्राधिकरण विद्युत संयंत्रों और विद्युत लाइनों के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए सुरक्षा आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करेगा। तदनुसार, आयोग ने छह मृतकों के परिजनों को राहत के भुगतान की संस्तुति दोहराई और भुगतान के प्रमाण के साथ अनुपालन रिपोर्ट मांगी। राज्य सरकार ने सूचित किया है कि उसने आयोग की संस्तुति के अनुसार कुछ पीड़ितों के रिश्तेदारों को राहत का भुगतान कर दिया है, और शेष को भी राहत भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।