राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दवारा पुलिस कर्मियों हेतु मानव अधिकार पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ



राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दवारा पुलिस कर्मियों हेतु मानव अधिकार पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से चालीस पुलिस अधिकारियों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया

पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्य के अनुरूप मानव अधिकारों को अत्यधिक महत्व देना होगा: न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, एनएचआरसी अध्यक्ष

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने आज विभिन्न राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस संगठनों के अधिकारियों के लिए मानव अधिकार पर अपना पहला आवासीय 'प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण' कार्यक्रम शुरू किया। एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने इस पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का उद्घाटन सदस्य श्री राजीव जैन, महासचिव श्री भरत लाल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) सहित विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद आयोग के अधिकारियों द्वारा आयोग के अन्वेषण प्रभाग में प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया गया है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शन में सुधार के लिए जानकारी को अद्यतन करने और कौशल को उन्नत करने के लिए प्रत्येक पेशेवर क्षेत्र में प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मी कानून-व्यवस्था और आपराधिक न्याय प्रणाली को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसलिए उन पर हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव रहता है। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उन्हें मानव अधिकारों को सर्वोच्च महत्व देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभियुक्त के भी मानव अधिकार हैं जिनका सम्मान किया जाना चाहिए।

इंटरनेट समर्थित डार्क वेब, ई-कॉमर्स धोखाधड़ी, डेटा हैकिंग, तस्करी आदि से उत्पन्न चुनौतियों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वाले शोधकर्ताओं से अधिक से भी अधिक उन्नत सोच वाले होते हैं। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक ठोस तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।

इससे पहले, एनएचआरसी सदस्य श्री राजीव जैन ने कहा कि पुलिस कर्मी मानव अधिकारों के प्राथमिक संरक्षक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अधिकारियों के साथ मानव अधिकारों के बारे में आयोग के दृष्टिकोण को साझा करने के साथ-साथ उनके साथ संवाद सत्र से उनके मानव अधिकारों के परिप्रेक्ष्य को जानने का अवसर भी मिलेगा।

एनएचआरसी के महासचिव, श्री भरत लाल ने कहा कि अगर पुलिस कर्मी दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा वे अपने साथ चाहते हैं तो पुलिसिंग में बहुत बदलाव आ सकता है। उन्हें कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए, जिसके लिए बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है जो जानकारी और प्रशिक्षण से आती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस संगठनों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुने गए 40 अधिकारी मानव अधिकारों के बारे में संवेदनशील होने के लिए इस अवसर का पूरा लाभ उठाएंगे। जब वे अपने संबंधित पुलिस संगठनों में वापस जायेंगे और मानव अधिकारों के संदर्भ में दूसरों को प्रेरित और प्रशिक्षित करेंगे तो उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखा जायेगा । इस कोर्स के बाद उनके सहकर्मी उनमें एक अलग बदलाव देखेंगे ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण देते हुए, एनएचआरसी के डीआइजी (अन्वेषण ) श्री सुनील कुमार मीणा ने कहा कि आयोग को पुलिस कर्मियों और जेल अधिकारियों को मानव अधिकारों का पालन करने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता महसूस हुई, ताकि हिरासत में मानवाधिकारों के उल्लंघन को कम किया जा सके। इस प्रयोजन के लिए, बीपीआर एंड डी सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद प्रशिक्षण के लिए एक मॉडल पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।

यह योजनाबद्ध चार पाठ्यक्रमों की श्रृंखला में पहला आवासीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है, जिसमें वर्ष की प्रत्येक तिमाही में एक पाठ्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिए 20 राज्यों और 01 केंद्र शासित प्रदेश से एसपी, अतिरिक्त एसपी, डिप्टी एसपी स्तर के चालीस पुलिस अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का अपेक्षित परिणाम मानव अधिकारों की बेहतर समझ रखने वाले प्रशिक्षकों के पहले बैच को तैयार करना है, जिन्हें अन्य कर्मियों को मानव अधिकार प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उनके संबंधित संगठनों द्वारा नियोजित और उपयोग किया जाएगा।

एनएचआरसी के रजिस्ट्रार (विधि ), श्री सुरजीत डे, संयुक्त सचिव, श्रीमती अनीता सिन्हा और श्री देवेन्द्र कुमार निम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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