राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा धनबाद में नकली दूध की बिक्री की सूचना पर झारखंड सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी



नई दिल्ली, 2 जनवरी, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने 30 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, कि झारखंड के धनबाद में मुनाफा कमाने के लिए एक लीटर दूध में रिफाइंड और कास्टिक सोडा मिलाकर 15 लीटर नकली और कृत्रिम दूध बनाया जा रहा है। ज्ञात हुआ है कि पहले दूध में सिर्फ पानी मिलाया जाता था लेकिन अब लोगों के स्वास्थ्य की परवाह किये बिना मुनाफा कमाने के लिए नकली दूध में यूरिया, सर्फ और स्टार्च का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस नकली दूध का पता लैक्टोमीटर से भी नहीं लगाया जा सकता है।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह लोगों के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों का उल्लंघन है। हालाँकि, प्रथम दृष्टया में , यह लोक सेवकों की ओर से हुई एक आपराधिक लापरवाही प्रतीत होती है।

तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, झारखंड और महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

मुख्य सचिव को नकली दूध बेचने की व्यापकता पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है; डीजीपी से विशेष रूप से लगाए गए दंडात्मक अपराधों, जांच की प्रगति और आरोपी व्यक्तियों के विवरण, यदि कोई हो, का उल्लेख करते हुए एफआईआर दर्ज करने के बारे में पूछा गया है। रिपोर्ट में पुलिस द्वारा शुरू की गई निवारक कार्रवाइयों का विवरण भी अपेक्षित है।

महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा, जो केंद्रीय खाद्य मानक समिति के पदेन अध्यक्ष हैं, को झारखंड राज्य में नकली दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री को खत्म करने के लिए की गई या प्रस्तावित निवारक कार्रवाई के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है।

आयोग ने यह भी पाया कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम लागू होने के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि इसे झारखंड में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। अधिनियम किसी भी ऐसे स्थान का निरीक्षण करने की शक्ति प्रदान करता है जहां खाद्य पदार्थ का निर्माण किया जाता है, बिक्री के लिए संग्रहीत किया जाता है या यहां तक कि खाद्य पदार्थों को मिलावटी बनाने के लिए रखा जाता है। ऐसी मिलावटी खाद्य सामग्री को जब्त करने और खाद्य सामग्री के विक्रेता या निर्माता के खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई करने की शक्ति भी दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धनबाद में 3 लाख लीटर दूध की खपत है, जबकि उत्पादन मात्र 1.90 लाख लीटर ही है , यही वजह है कि नकली दूध का बड़ा बाजार व्याप्त हो रहा है। यह भी ज्ञात हुआ है कि एक किलो स्किम्ड दूध 320-340 रुपये में बिकता है। रिफाइंड तेल और कॉस्टिक सोडा मिलाने पर एक किलो दूध ,15 किलो दूध बन जाता है। तब दूध का कुल बिक्री उत्पादन 825/- रुपये होता है।

बताया जा रहा है कि पेट में इंफेक्शन होने की वजह से कैंसर हो सकता है। रिफाइंड और कास्टिक सोडा की जांच लैब में होती है। इसका परीक्षण घर पर भी किया जा सकता है। दूध में पैरा-डाइमेथिलएमिनोबेंज़लडिहाइड रसायन मिलाने से उसका रंग पीला हो जाता है जो उसमें यूरिया का संकेत देता है; इसमें कास्टिक सोडा का संकेत देने वाला रोजलिक एसिड डालने से यह लाल हो जाता है; आयोडीन का घोल इसे नीला या धूसर कर देता है जिससे इसमें स्टार्च का संकेत मिलता है।