राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप के कारण एक डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करना सुनिश्चित हुआ, जिसकी लापरवाही के कारण पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के एक सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत हुई।



नई दिल्ली, 18 अगस्त, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की मृत्यु के मामले में हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल सरकार ने उसके निकटतम परिजनों को 3,75,000/- रुपये की आर्थिक राहत का भुगतान किया है।

राज्य चिकित्सा परिषद को लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है। यह घटना 8 फरवरी, 2020 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के लालबाग उप-मंडल अस्पताल में हुई थी।

आयोग ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। आयोग के नोटिस के जवाब में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि एक जांच समिति ने पाया कि मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार, रोगी की मृत्यु हृदय गति रुकने से हुई थी।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था और इसके बजाय नर्सों को फोन पर निर्देश देता था। पांच घंटे की देरी के बाद उसने मरीज को देखा।

राज्य सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जांच समिति की रिपोर्ट की एक प्रति पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को भी भेजी गई है।

आयोग ने पाया कि डॉक्टर की उक्त लापरवाही के लिए राज्य परोक्ष रूप से जिम्मेदार है और आयोग ने मौद्रिक राहत की सिफारिश की।

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