राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को एक लड़की पर तेजाब हमले की रिपोर्ट पर नोटिस जारी किया



नई दिल्ली, 16 दिसंबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने उन मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है जिनमें बताया गया था कि 14 दिसंबर, 2022 को पश्चिमी दिल्ली में स्कूल जाते समय रास्ते में एक 17 वर्षीय लड़की पर दो नकाबपोश लोगों ने तेजाब फेंका था। कथित तौर पर, पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

आयोग ने देखा है कि रिपोर्ट की गई घटना पीड़िता के मानव अधिकारों के उल्लंघन के गंभीर मुद्दों को उठाती है। यह वास्तव में बहुत परेशान करने वाला है कि आपराधिक कानूनों में कई संशोधनों और अधिकारियों द्वारा एसिड या संक्षारक पदार्थों की वाणिज्यिक या वैज्ञानिक उद्देश्यों के अलावा बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए किए गए विभिन्न उपायों के बावजूद, ऐसा लगता है कि वास्‍तव में ज्‍यादा कुछ भी नहीं बदला है। हमलावर आसानी से एसिड खरीद रहे हैं - चाहे वह ऑफलाइन हो या ऑनलाइन। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि प्रशासन के भीतर विभिन्न प्रकार के तेजाब की बिक्री के लिए निगरानी प्रणाली का अभाव है। इसलिए, प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि लोक सेवकों की ओर से तेजाब की बिक्री को विनियमित करने में विफल रहने के कारण आपराधिक लापरवाही हुई है जिनके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में यह घटना हुई थी।

तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त, और सदस्य सचिव, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव से अपेक्षित है कि वे पीड़ित की प्लास्टिक सर्जरी सहित पुनर्वास, परामर्श, मुआवजा, नि:शुल्क उपचार, यदि कोई हो, और अन्य उपाय, जैसा कि लक्ष्मी बनाम भारत संघ [WP (आपराधिक) संख्या 129/2006 दिनांक 11.02.2011] में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार आवश्यक हैं, के बारे में सूचित करें। रिपोर्ट में मौजूदा मामले में ई-वॉलेट के माध्यम से तेजाब की बिक्री और देश के कानून के उल्लंघन में ऐसे प्रतिबंधित पदार्थ की बिक्री के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का विवरण भी शामिल होना चाहिए। रिपोर्ट में विशेष रूप से पीडिता को भुगतान की गई या पीड़ित मुआवजा योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान की जाने वाली मुआवजा राशि का भी उल्लेख होना चाहिए।

पुलिस आयुक्त को मामले में प्राथमिकी का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इसमें लगाए गए दंडात्मक अपराधों, जांच की प्रगति, मौजूदा मामले में बड़ी साजिश और गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के विवरण का उल्लेख होना चाहिए। रिपोर्ट में दिल्ली में तेजाब हमलों की ऐसी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू की गई निवारक कार्रवाइयों का भी उल्लेख होना चाहिए।

सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, दिल्ली को पीड़ित मुआवजा योजना और इसके प्रचार-प्रसार के संबंध में उठाए गए कदमों का उल्लेख करना चाहिए ताकि राष्ट्रीय राजधानी में तेजाब हमले के पीड़ित इसके तहत लाभ प्राप्त कर सकें। रिपोर्ट में तेजाब हमले के मामले में एसएलएसए, दिल्ली की योजना के तहत तात्‍कालिक मामले में भुगतान किया गया वास्तविक मुआवजा भी शामिल होना चाहिए।

आयोग ने नोट किया है कि परिवर्तन केंद्र बनाम भारत संघ (डब्ल्यूपी (सी) संख्या 867/2013, 7 दिसंबर, 2015) के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष रूप से अनिवार्य किया है कि राज्य / केंद्र शासित प्रदेश, जहां तेजाब और अन्य विस्फोटक पदार्थों की बिक्री को विनियमित करने के नियम तब तक लागू नहीं होते हैं जब तक कि ऐसे नियम बनाए या लागू नहीं किए जाते हैं; संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, अन्य बातों के साथ-साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि तेजाब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जब तक कि विक्रेता रजिस्‍टर में तेजाब की बिक्री का हिसाब-किताब/रिकॉर्ड नहीं रखता हो, जिसमें उस व्यक्ति का विवरण होगा, जिसे तेजाब बेचा जाता है। तेजाब की खरीद का विशिष्ट कारण और उद्देश्य भी निर्दिष्ट किया जाना चाहिए; विक्रेता द्वारा तेजाब के सभी स्टॉक को 15 दिनों के भीतर संबंधित सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए; विक्रेता तेजाब तभी बेचेगा जब क्रेता द्वारा सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, जिसमें उस व्यक्ति का पता उल्‍लेखित हो, दिखाया जाए।

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