राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने बिहार के औरंगाबाद और गया जिलों में हुई अवैध शराब त्रासदी का स्वत: संज्ञान लिया: राज्य में शराब पर प्रतिबंध के बावजूद ऐसी घटनाओं पर चिंता व्यक्त की; रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
नई दिल्ली, 25 मई, 2022
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने बिहार के औरंगाबाद और गया जिलों में नकली शराब के सेवन से कम से कम छह लोगों की मौत और बारह बीमार पड़ने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है। कथित तौर पर, इससे पहले, मधेपुरा में इसी तरह की एक घटना में, कई लोगों की मौत हुई थी।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सही है, तो मानव अधिकारों का उल्लंघन है। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, बिहार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं की जांच/रोकने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले कदम शामिल होन अपेक्षित है।
आयोग ने आगे देखा है कि बिहार में 2016 में शराब के निर्माण, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बावजूद, नकली शराब के सेवन से राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई लोगों की मौत हुई है। जाहिर है, कानून लागू करने वाली एजेंसियां कानून के प्रावधानों को सफलतापूर्वक लागू करने में सक्षम नहीं रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप अपराधी अवैध शराब के निर्माण और बिक्री में लिप्त हैं, जिससे पीड़ितों के परिवारों को अपूरणीय क्षति हुई है।
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