राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने बिहार सरकार को चिकित्सकीय लापरवाही के कारण न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में जेल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया।



नई दिल्ली, 31 दिसंबर, 2021

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) भारत ने चिकित्सा लापरवाही के कारण एक विचाराधीन कैदी की मौत के मामले में आईजी, जेल और सुधार सेवा, बिहार से मुआवजे के रूप में 3 लाख रुपये के भुगतान की एक रिपोर्ट पर विचार किया है। आयोग ने देखा कि विचाराधीन कैदी के इलाज में उदासीनता और लापरवाही करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ की गई किसी भी विभागीय कार्यवाही के बारे में रिपोर्ट में कोई उल्‍लेख नहीं था। इसलिए आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को इस मामले में डॉक्टरों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया है।

पीड़ित को 8 जुलाई, 2018 को जेल में बंद किया गया था और उसका जेल अस्पताल में इलाज चल रहा था। 14 जुलाई, 2018 को उसे पूर्णिया के सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

आयोग ने पाया कि मजिस्ट्रियल जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि कैद के दौरान पीड़ित के आक्रामक होने की सूचना मिली थी। जेल के डॉक्टरों द्वारा उसका पेशेवर इलाज नहीं किया गया और उसे हथकड़ी भी बांध दी गई। डॉक्टरों ने पीड़ित की स्थिति को संबंधित राज्य के अधिकारियों से भी छुपाया। मजिस्ट्रेट ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि मौत जेल के डॉक्टरों की चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हुई।

आयोग ने अपने अन्‍वेषण प्रभाग द्वारा रिपोर्ट की जांच के बाद आगे देखा कि पीड़ित शायद शराब के संक्रमण से पीड़ित था और डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किए गए हिंसक तरीकों के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई। इसलिए, आयोग ने बिहार सरकार को उनके मुख्य सचिव के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें मृतक के परिजन को 3 लाख रुपये के मुआवजे की सिफारिश की गई है। इसके अतिरिक्‍त, मुख्य सचिव, बिहार सरकार को मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है क्योंकि जेल डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही सिद्ध हुई है।

आयोग ने आईजी, जेल एवं सुधार सेवाओं द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में पाया कि अधीक्षक और तीन अन्य जेल कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी। आईजी जेल और सुधार सेवाओं की एक और रिपोर्ट में मृतक पीड़ित के परिजनों को 3 लाख रुपये के मुआवजे के भुगतान की जानकारी प्रस्तुत की।

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