राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बाल अत्याचार के आरोपों पर इंदौर ब्रांच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उस अनाथालय की जोधपुर, सूरत, कोलकाता और बेंगलुरु ब्रांचों पर संबंधित राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 25 जनवरी 2024

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बाल अत्याचार के आरोपों पर इंदौर ब्रांच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उस अनाथालय की जोधपुर, सूरत, कोलकाता और बेंगलुरु ब्रांचों पर संबंधित राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी

मध्य प्रदेश सरकार से इस मामले में आगे की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट भी मांगी

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनाथालय में चार से चौदह साल के बच्चों पर अत्याचार किया जा रहा था और बाल कल्याण समिति की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। कथित तौर पर, इंदौर के अलावा, अनाथालय की चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के जोधपुर, सूरत, कोलकाता और बेंगलुरु में भी ब्रांचे हैं।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह अनाथालय में कैदियों के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है। इसमें कहा गया है कि विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए इंदौर में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन मामला अंतरराज्यीय है। अत: इंदौर के बाहर स्थित अनाथालय की अन्य ब्रांचों की भी जांच/निरीक्षण आवश्यक है।

तदनुसार, इसने राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी कर समाचार रिपोर्ट में उल्लिखित अनाथालय की शाखाओं की जांच/निरीक्षण करने के बाद मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे 4 सप्ताह के भीतर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई सहित अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

मध्य प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को 4 सप्ताह के भीतर मामले में आगे की गई कार्रवाई के बारे में बताने का भी निर्देश दिया गया है।

19 जनवरी, 2024 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर के जिला कलेक्टर ने कहा कि सीडब्ल्यूसी टीम ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन पाया है और उन्होंने छात्रावास को सील कर दिया है और बच्चों को सरकारी सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया है।

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