राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में प्रस्तावित बांध निर्माण को लेकर लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का स्वतः संज्ञान लिया है। लोगों को आशंका है कि इससे उनका विस्थापन होगा और आजीविका तथा पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल...
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 2 जून, 2025
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में प्रस्तावित बांध निर्माण को लेकर लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का स्वतः संज्ञान लिया है। लोगों को आशंका है कि इससे उनका विस्थापन होगा और आजीविका तथा पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया में आई एक रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में निवासी प्रस्तावित बांध निर्माण का विरोध कर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि इससे कई लोगों का विस्थापन हो सकता है और आजीविका तथा पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कथित तौर पर, स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने राज्य के सियांग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र बलों को तैनात किया है।
आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो मानव अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, अरुणाचल प्रदेश को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
23 मई, 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर, 23 मई, 2025 को एक मानव अधिकार कार्यकर्ता और सियांग स्वदेशी किसान मंच के संयोजक ने बेगिंग गांव में बांध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें लगभग 400 लोगों ने भाग लिया।
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