विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा का संदेश



राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत की ओर से सभी को बधाई जैसा कि आयोग 10 अक्टूबर, 2022 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने में राष्ट्र के साथ-साथ वैश्विक बिरादरी में शामिल होता है।

लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए इस वर्ष का थीम 'मानसिक स्वास्थ्य एवं सभी के कल्‍याण को एक वैश्विक प्राथमिकता बनाना' है। यह दिन हमें सरकारों, नियोक्ताओं, कर्मचारियों और समाज सहित सभी को आत्मनिरीक्षण करने और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को पहचानने का अवसर देता है, जिनके समाधान के लिए उचित प्रणालियों की आवश्यकता होती है, और जिससे, मानसिक स्वास्थ्य और लोगों की भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाने के लिए जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है।

एनएचआरसी, भारत अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और उसके अलावा सभी के लिए सस्ती और आसान पहुंच के साथ देश में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सुधार के लिए प्रयास कर रहा है। हालाँकि, यह अकेले शासन की संस्थाएँ नहीं हैं, बल्कि समग्र रूप से समाज को एक प्रणाली बनाने की आवश्यकता होगी, बिना तदर्थता के, उन लोगों की देखभाल, इलाज और पुनर्वास के लिए, जो निस्‍तब्‍धता में मानसिक बीमारियों और मानवाधिकारों के उल्लंघन से पीड़ित हैं। सभी राज्यों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के प्रावधानों को लागू करना चाहिए।

आयोग मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत अपने अधिदेश के अनुसार और उच्‍चतम न्यायालय से एक प्रेषण के तहत मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों की निगरानी कर रहा है। हाल ही में, आयोग ने ग्वालियर, आगरा और रांची में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अस्पतालों और संस्थानों का दौरा किया और पाया कि मानसिक रूप से बीमार रोगियों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। यह देखना दर्दनाक है कि सैकड़ों ठीक हो चुके मरीज वर्षों से समाज की मुख्य धारा में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसे ठीक करने की जरूरत है।

फिर भी, उन डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और नागरिक समाज संगठनों, जो चुनौतियों के बावजूद मानसिक रूप से बीमार लोगों की देखभाल में शामिल हैं, के इस कार्य की प्रशंसा और मान्यता को अंगीकार करने से मानवता के लिए इस पवित्र सेवा में दूसरों को भी हाथ मिलाने के लिए प्रोत्साहित करने में एक लंबे समय तक प्रोत्‍साहित करने में मदद करेगा। यह भी समान रूप से आवश्यक है कि एक व्यक्ति के रूप में, हम एक ऐसा माहौल बनाने में योगदान दें, जिसमें सकारात्मकता हो, जो सभी की मानसिक शक्ति और भलाई का समर्थन करे।

जय हिन्द।"