सेना के पैरा कमांडो द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ किए गए असफल अभियान के कारण नागरिकों की मौत के मामले में केंद्र और नागालैंड सरकार को एनएचआरसी का नोटिस



नई दिल्ली, 6 दिसंबर, 2021

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने नागालैंड के मोन जिले में 4 दिसंबर, 2021 को शनिवार देर रात आतंकवादियों के इंतजार में तैनात सेना के पैरा कमांडो द्वारा एक कथित असफल अभियान में नागरिकों के वाहन पर गोलीबारी के कारण उनके मारे जाने से संबंधित मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है। इस घटना ने आगजनी, दंगा, असम राइफल्स और सेना के शिविर पर हमले की कई घटनाओं को जन्म दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हुए तथा एक सैनिक सहित कई मौतें हुईं।

आयोग ने केंद्रीय रक्षा सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, नागालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

रिपोर्ट में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच की स्थिति, मृतक के निकटतम संबंधियों को दी गई राहत, घायलों को दिए जा रहे चिकित्सा उपचार की स्थिति और घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों/अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले अपेक्षित हैं।

नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने यह भी देखा है कि यह सुरक्षा बलों के लिए मानवीय दृष्टिकोण के साथ उचित एहतियात सुनिश्चित करने का दायित्व है, भले ही इसमें उग्रवादी शामिल हों।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार ने कथित तौर पर मामले की जांच करने के लिए आज दिनांक 6 दिसंबर, 2021 को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। सेना ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी स्थापित की है जिसके कारण कथित उग्रवादियों को निशाना बनाने वाले एक ऑपरेशन का दुखद परिणाम सामने आया।

*****