आयोग के प्रमुख ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने आह्वान किया कि "विचारों को उत्प्रेरित करें, रचनात्मक रूप से समय का उपयोग करें और पृथ्वी ग्रह के संरक्षक बनें"।
नई दिल्ली, 21 फरवरी, 2022
न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने छात्रों से बेहतर नागरिक बनने के लिए समय को महत्व देने और रचनात्मक रूप से उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि "समय एक क्षणभंगुर वस्तु है" और इसलिए पृथ्वी ग्रह के संरक्षक बनकर मातृभूमि के ऋणों का भुगतान करें। वे आयोग के प्रमुख 15 दिनों के ऑनलाइन शार्ट टर्म इंटर्नशिप कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने इस तथ्य पर जोर दिया कि न केवल मुकदमेबाजी बल्कि गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए हकदारी और सुधारात्मक उपायों का प्रावधान सही मायने में न्याय सुनिश्चित करेगा। जिन छात्रों में भविष्य में देश का नेतृत्व करने की अपार क्षमता है, उन्हें किसी भी मतभेद के बावजूद संकट के समय में समान न्याय प्रदान करने में मदद करने के बारे में विचार करना चाहिए।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने तेजी से बदलते समय की ओर इशारा करते हुए छात्रों को साइबर स्पेस का रचनात्मक रूप से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस का इस्तेमाल ज्ञान बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसके कारण भविष्य में आने वाले स्पष्ट खतरों से आगाह किया।
देश में लोगों के सामने आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने के लिए छात्रों से खुद को उन्मुख करने का आह्वान करते हुए, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि उन्हें मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा इन संवादात्मक सत्रों का सर्वोत्तम उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।
ऑनलाइन इंटर्नशिप में देश भर से चौहत्तर छात्र प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। एनएचआरसी सदस्य, श्री राजीव जैन, महासचिव, श्री बिम्बाधर प्रधान, और संयुक्त सचिव, श्रीमती अनीता सिन्हा ने भी इस अवसर पर एनएचआरसी सदस्य, न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, श्रीमती ज्योतिका कालरा, रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, महानिदेशक (अन्वेषण), श्री संतोष मेहरा और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इंटर्नस् को संबोधित किया।