आश्रय गृह से पांच उज़्बेक महिलाओं के लापता होने की खबर पर दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को एनएचआरसी का नोटिस



नई दिल्ली, 5 नवंबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी ,भारत, ने मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया जिसमें आयोग ने पाया है कि अगस्त, 2022 में दिल्ली पुलिस द्वारा एक यौन तस्करी रैकेट से छुड़ाई गई सात उज़्बेक महिलाओं में से पांच महिलाएं पिछले सप्ताह द्वारका के एक आश्रय गृह से लापता हो गई थीं। कथित तौर पर, महिलाओं को नेपाल के रास्ते भारत लाया गया और उन्हें जबरन सेक्स वर्क के लिए मजबूर किया गया । अगस्त में, उनमें से सात को दिल्ली पुलिस ने उज्बेकिस्तान दूतावास और एक एनजीओ की मदद से बचाया था।

आयोग ने पाया है कि राज्य देश में विदेशी नागरिकों के जीवन की रक्षा करने के लिए उसी प्रकार जिम्मेदार है जैसे की वह अपने नागरिकों के लिए है। तदनुसार, जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया है, घटना की गंभीरता और अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, आयोग ने एनसीटी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर इस मामले में आश्रय गृह के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

जांच की स्थिति, लापता उज़्बेक महिलाओं की बरामदगी और दिल्ली एवं आसपास के स्थानों में चल रहे सेक्स रैकेट के साजिशकर्ताओं का पता लगाने में प्रगति, गिरफ्तारी यदि कोई हो, के बारे में पुलिस आयुक्त, दिल्ली से एक रिपोर्ट भी मांगी गई है। एक बार लापता उज़्बेक महिलाओं को बचा लिया जाए, उसके बाद उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट में एनएचआरसी के भारत में व्यक्तियों की तस्करी से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया ( एसओपी ) के परिणाम और नागरिकों एवं गैर-नागरिकों, लड़कियों और महिलाओं की तस्करी के ऐसे बार-बार होने वाले अपराधों को रोकने के लिए दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के भीतर इसके कार्यान्वयन हेतु संभावित उपाय भी शामिल होने चाहिए।। जवाब दो सप्ताह के भीतर अपेक्षित है।