एनएचआरसी द्वारा महोबा के एक सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने के बाद बीमार पड़ने वाले विद्यार्थियों के इलाज के लिए एक तांत्रिक को बुलाए जाने की कथित घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी
नई दिल्ली, 23 दिसंबर, 2022
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने उन मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रशासन ने 15 विद्यार्थियों के इलाज के लिए एक तांत्रिक को बुलाया था, जो मध्याह्न भोजन खाने के बाद बीमार पड़ गए थे। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कथित तौर पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह पीड़ित विद्यार्थियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है, जिन्हें स्कूल के अधिकारियों द्वारा इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय कथित तौर पर एक सरकारी स्कूल में अंधविश्वास का शिकार बनाया गया था। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य में भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए या उठाए जाने वाले कदमों को शामिल करने की उम्मीद है।
नोटिस जारी करते हुए आयोग ने यह भी कहा है कि जाहिर तौर पर विद्यार्थियों को घटिया मिड-डे मील परोसा गया था, जिससे उनकी बीमारी बढ़ गई, जो संबंधित अधिकारियों की उदासीनता का संकेत है। इसके अलावा, स्कूल के शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे विद्यार्थियों को शिक्षित करें और उन्हें इस तरह के अंधविश्वास वाले अनाचारों में विश्वास न करने दें।
21 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक तांत्रिक द्वारा कथित रूप से लड़कियों पर जादू-टोना करते हुए दिखाने वाला एक वीडियो पुलिस के संज्ञान में आया, जिन्होंने बीमार छात्रों को इलाज के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने से पहले उसे भगा दिया। इनमें से ज्यादातर 9 से 13 साल की उम्र के हैं। कथित तौर पर, ग्रामीणों ने अपने बच्चों की बीमारी के लिए स्कूल में भूतों को दोषी ठहराया था।