एनएचआरसी ने कटक, ओडिशा में आचार्य हरिहर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर के परिसर में आवारा कुत्तों द्वारा रोगियों को काटने की बढ़ती घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए, राज्य सरकार, अस्पताल प्रशासन और नगर निगम को नोटिस जारी किया
नई दिल्ली, 25 मई, 2023
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि आचार्य हरिहर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर (एएचपीजीआईसी), कटक, ओडिशा के परिसर में आवारा कुत्ते स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और रोगियों को काट रहे हैं। कथित तौर पर, पिछले सप्ताह के दौरान अस्पताल परिसर के परिसर में आवारा कुत्तों द्वारा कम से कम पांच रोगियों को काटा गया था, जिससे उनकी कैंसर के इलाज के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं जैसे कीमोथेरेपी और रेडिएशन क्रिटिकल में देरी हुई।
आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह रोगियों के मानव अधिकारों का उल्लंघन है। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, ओडिशा सरकार, निदेशक, आचार्य हरिहर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर (एएचपीजीआईसी), कटक और आयुक्त, कटक नगर निगम को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में एएचपीजीआईसी अस्पताल के परिसर में आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए और अस्पताल परिसर के परिसर में मरीजों के साथ-साथ उनके परिचारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए/प्रस्तावित कदम शामिल होने चाहिए।
आयोग ने आगे देखा है कि अस्पताल प्रबंधन एनएचआरसी द्वारा जारी मरीजों के अधिकारों के चार्टर, जो उन्हेंट मानकों के अनुसार सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण देखभाल का अधिकार प्रदान करता है जिसमें अस्पताल परिसर में उचित स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण उपाय, और बीआईएस/एफएसएसएआई मानकों और स्वच्छता सुविधाओं के अनुसार सुरक्षित पेयजल शामिल है, का पालन नहीं कर रहा है, जो विधिसम्मत समाज में स्वीकार्य नहीं है। मरीजों को चिकित्सा नैतिकता के सिद्धांतों के अनुरूप पेशेवर तरीके से उचित कौशल के साथ देखभाल, इलाज और देखभाल का अधिकार है।
22 मई, 2023 को जारी की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 281 बिस्तरों वाले इस प्रमुख सरकारी कैंसर अस्पताल में रोजाना 700 से 1,000 मरीज आते हैं। कुत्ते मरीजों और उनके तीमारदारों को काटते हैं और उनसे खाना छीन लेते हैं। साथ ही, अस्पताल के वार्डों में कुत्तों को खुलेआम घूमते देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट ने विशेष रूप से दो कैंसर रोगियों के मामलों का हवाला दिया, जिन्हें अस्पताल परिसर में कुत्ते द्वारा काटा गया था और जिसके परिणामस्वरूप उनके कैंसर के समयबद्ध उपचार में देरी हुई।