एनएचआरसी द्वारा इंदौर में अपने बच्चों से भीख मंगवाकर लाखों कमाने वाली एक महिला के बारे में मीडिया में आई खबरों पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली, 15 फरवरी 2024
एनएचआरसी द्वारा इंदौर में अपने बच्चों से भीख मंगवाकर लाखों कमाने वाली एक महिला के बारे में मीडिया में आई खबरों पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी
किशोर न्याय अधिनियम के तहत नाबालिग बच्चों को दी जाने वाली देखभाल सहित मामले में चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी
रिपोर्ट में राज्य के भिक्षावृत्ति निवारण कानून को सख्ती से लागू करने के साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए की गई कार्रवाई भी अपेक्षित है
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि एक महिला ने मध्य प्रदेश के इंदौर में अपने 2, 3, 7, 8 और 10 वर्ष की आयु के पांच बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करके प्लॉ ट, एक दो मंजिला घर, एक मोटरसाइकिल, 20,000 रुपये का स्मार्टफोन खरीदा तथा छह सप्ताह में 2.5 लाख रुपये एकत्र किए। कथित तौर पर, वह महिला उन सभी बच्चों7 को महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले विभिन्न रास्तोंम पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर रही थी।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह बच्चों के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है। इस मामले में गिरफ्तार की गई महिला कथित तौर पर बार-बार अपराध करने वाली है, जो यह दर्शाता है कि राज्यह में संबंधित अधिकारी सतर्क नहीं हैं, जिसके कारण छोटे बच्चे यहां तक कि अपने परिवार के सदस्यों द्वारा भी उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। जिस उम्र में छोटे बच्चों को स्कूल जाना चाहिए और अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उस उम्र वे जीवन जीने के अनैतिक तरीके अपनाने के लिए मजबूर होते हैं।।
तदनुसार, आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदम शामिल होने चाहिए। राज्य के अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार छोटे बच्चों के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है, जिसमें यदि आवश्यक हो तो उन्हेंा सेफ कस्टिडी में परामर्श प्रदान करना भी शामिल है।।
आयोग यह जानना चाहेगा कि क्या भिखारियों की संख्या, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई और उनके पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाल ही में कोई सर्वेक्षण किया गया है।।
आयोग ने नोटिस जारी करते हुए यह भी कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई भीख निवारण कानून नहीं है। हालाँकि, विभिन्न राज्यों ने भीख मांगने की कुप्रथा से निपटने के लिए कानून पारित किए हैं। मध्य प्रदेश राज्य ने "एमपी भिक्षा वृत्ति निवारण अधिनियम, 1973" को पारित किया और लागू किया है। यह कानून मध्य प्रदेश राज्य में भीख मांगने की रोकथाम, हिरासत, भिखारियों और उनके आश्रितों को प्रमाणित संस्थानों में प्रशिक्षण और रोजगार तथा भिखारी अपराधियों की हिरासत, ट्रायल और सजा का प्रावधान करता है। इसलिए, कानून को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है ताकि बच्चे असामाजिक तत्वों का आसान शिकार न बनें।।
दिनांक 13 फरवरी, 2024 को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिला को पुलिस ने दिनांक 12.02.2024 को गिरफ्तार कर लिया और रिमांड पर जेल भेज दिया। उनकी 7 साल की बेटी को अधिकारियों ने एक एनजीओ की देखभाल में भेज दिया है।।
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