एनएचआरसी, भारत ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ वन अधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 19 जून, 2024
एनएचआरसी, भारत ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ वन अधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया
एनएचआरसी, भारत मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर उन्हें संवेदनशील बनाने हेतु इस क्षेत्र में काम कर रहे अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों तक पहुंच रहा है
एनएचआरसी का आदिवासी समुदायों, अन्य वनवासियों और वन मजदूरों के मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु वन अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्यक्रम
एनएचआरसी के महासचिव, श्री भरत लाल ने मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए एआईएस राष्ट्रीय अकादमियों की साझेदारी में मानव अधिकार प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने में आयोग के प्रयासों के संबंध में बात की
महासचिव ने विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में वनवासियों, अनुसूचित जनजातियों के मानव अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर भी जोर दिया
विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के 31 वरिष्ठ अधिकारी चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आईजीएनएफए) के संयुक्त तत्वावधान में 18 से 21 जून, 2024 तक देहरादून में वन अधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर चार दिवसीय आवासीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, एनएचआरसी के महासचिव, श्री भरत लाल ने कहा कि आयोग सभी के मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अधिकारियों की क्षमता निर्माण हेतु मानव अधिकारों के विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने में विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं (एआईएस) राष्ट्रीय अकादमियों के साथ साझेदारी कर रहा है। उन्होंने वन अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों दृष्टिकोणों से मानव अधिकारों के महत्व के बारे में बात की।
श्री भरत लाल ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विशेष रूप से वनवासियों, अनुसूचित जनजातियों और वन मजदूरों के मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने में योगदान के लिए सभी वन अधिकारियों की सराहना की।
उन्होंने प्रतिभागियों से मानव अधिकारों की बेहतर समझ और प्रशंसा के लिए 'मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर)' और अन्य प्रासंगिक कानूनों को आत्मसात करने का आग्रह किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद और सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा, प्रत्येक मानव के मानव अधिकारों को बनाए रखने में उनकी भूमिका, सहानुभूति और करुणा के भारतीय लोकाचार और देश में मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक ढांचे पर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानव अधिकारों को बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक पीढ़ी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यह हमारे संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के सिद्धांतों को मूर्त रूप देने के बारे में है, जो सभी का परम कर्तव्य है।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, आईजीएनएफए के निदेशक श्री जगमोहन शर्मा ने कहा कि भारतीय वन सेवा (आईएफएस) परिवीक्षार्थियों के लिए मानव अधिकार मॉड्यूल को उनके लिए चरण- II प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। श्री अजय भटनागर, महानिदेशक (अन्वेषण), एनएचआरसी ने लोगों के कल्याण के लिए आउटरीच प्रयासों, जागरूकता फैलाने और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देने में एनएचआरसी के महत्व पर चर्चा की।
इससे पहले, एनएचआरसी के एसएसपी श्री युवराज ने वन अधिकारियों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की संक्षिप्त विवरण दिया। वनों से संबंधित मानव अधिकार और कानून के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वन विभागों के 31 वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।