एनएचआरसी ने हरियाणा के सोनीपत जिले में दो श्रमिकों की सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान हुई कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 20 जून, 2024
एनएचआरसी ने हरियाणा के सोनीपत जिले में दो श्रमिकों की सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान हुई कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया
मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, हरियाणा को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी
आयोग ने इस प्रकार के मैन्युअल रूप से किये जाने वाले जोखिमभरे सफाई कार्य को समाप्त करने के लिए 24 सितंबर, 2021 को जारी की गयी अपनी परामर्शी के कार्यान्वयन को दोहराया
किसी भी दुर्घटना के मामले में, ठेकेदार/नियोक्ता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, चाहे सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति/कार्य पर रखना किसी भी प्रकार से किया गया हो
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने 13 जून, 2024 की मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि हरियाणा के सोनीपत जिले के बाजिदपुर सबोली गांव के पास एक निजी पैकेजिंग फैक्ट्री में सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय जहरीली गैस के संपर्क में आने से दो भाइयों की मौत हो गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उनका तीसरा साथी जोकि उसी गाँव का था, इस दुर्घटना में बच गया है। पुलिस अधिकारियों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और फैक्ट्री मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। घटना में फैक्ट्री मालिक और स्थानीय अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही स्पष्ट है, क्योंकि कथित तौर पर, सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय श्रमिकों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे। ऐसी घटनाएँ तब हो रही है, जब आयोग मैन्युअल रूप से किये जाने वाले जोखिमभरे सफाई कार्य को समाप्त करने और मशीनों का उपयोग करने तथा श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए 24.9.2021 को जारी अपनी परामर्शी और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को नियमित रूप से दोहराता रहा है।
तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, हरियाणा को नोटिस जारी कर मामले में एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें मामले में दर्ज एफआईआर, दोषी व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के साथ-साथ अधिकारियों द्वारा मृतक श्रमिकों के परिजनों को प्रदान की गई राहत और पुनर्वास की स्थिति शामिल है।
नोटिस जारी करते हुए, आयोग द्वारा संबंधित प्राधिकारियों के संज्ञान में इस बात को भी लाया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग या जोखिमभरे सफाई कार्य में लगे व्यक्तियों के मानव अधिकारों के संरक्षण पर आधारित परामर्शी में उल्लेख है कि जोखिमभरे सफाई कार्य करते समय किसी भी सफाई कर्मचारी की मृत्यु के मामले में, स्थानीय प्राधिकारी और ठेकेदार/नियोक्ता को संयुक्त रूप से और अलग-अलग जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराया जाएगा, भले ही सफाई कर्मचारी की नियुक्ति/ कार्य पर रखना किसी भी प्रकार से किया गया हो ।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ (डब्ल्यूपी (सी) संख्या 324/2020) दिनांक 20.10.2023 को दिए गए निर्णय में स्पष्ट आदेश दिया गया है कि स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे सीवर आदि की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करें।