एनएचआरसी, भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 21 जून, 2024

एनएचआरसी, भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया

एनएचआरसी, भारत की कार्यवाहक अध्यक्ष, श्रीमती विजया भारती सयानी के नेतृत्वी में आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने योग किया

उन्होंनने बताया कि योग को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि इसे वैज्ञानिक सनातन भारतीय परंपरा के रूप में देखा जाना चाहिए

उन्होंशने कहा कि न केवल अपनी भलाई के लिए बल्कि विश्व शांति के लिए भी प्रतिदिन योग करना चाहिए

एनएचआरसी, भारत की कार्यवाहक अध्यक्ष, श्रीमती विजया भारती सयानी की अगुआई में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा योग किया गया। इससे पहले, संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि योग एक 'सनातन' भारतीय परंपरा है, जिसका व्यक्तियों और समाज के अच्छे स्वास्थ्य और खुशी को सुनिश्चित करने का वैज्ञानिक आधार है। हमें न केवल अपनी भलाई के लिए बल्कि विश्व शांति के लिए भी प्रतिदिन योगाभ्यास करना चाहिए।


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उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 69वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में लोगों के शारीरिक और मानसिक कल्याण हेतु अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील को अपनाया गया और अब योग ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि योग को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन पृथ्वी पर जीवन के लिए अपनी अधिकतम ऊर्जा देने वाले सूर्य की पूर्व से पश्चिम की यात्रा का सबसे लंबा दिन होता है।


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श्रीमती विजया भारती सयानी ने योग की विभिन्न अवधारणाओं और ज्ञान के विभिन्न प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर भी संक्षेप में प्रकाश डाला, जिसमें पतंजलि के अष्टांग योग में दिए गए आठ सूत्र शामिल हैं, जिनमें यम (संयम), नियम (पालन), आसन (आसन), प्राणायाम (सांस लेना), प्रत्याहार (वापसी), धारणा (एकाग्रता), ध्यान (ध्यान) और समाधि (अवशोषण) शामिल हैं, जो लोगों के समग्र कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने की कुंजी है।


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