एनएचआरसी ने तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के एक स्कूल में कथित फर्जी एनसीसी शिविर में 13 छात्राओं के यौन उत्पीड़न की घटना का स्वत: संज्ञान लिया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 21 अगस्त, 2024

एनएचआरसी ने तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के एक स्कूल में कथित फर्जी एनसीसी शिविर में 13 छात्राओं के यौन उत्पीड़न की घटना का स्वत: संज्ञान लिया

आयोग ने तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी

इसमें एफआईआर की स्थिति और पीड़ितों के स्वास्थ्य और परामर्श की जानकारी शामिल होने की अपेक्षा है

राज्य अधिकारियों से यह भी पता लगाने को कहा गया है कि क्या जिले में इसी के समान आयोजित चार अन्य शिविरों के दौरान किसी अन्य विद्यार्थी के साथ बुरा व्यवहार या दुर्व्यवहार तो नही किया गया था।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है रिपोर्ट के अनुसार 5-9 अगस्त, 2024 के दौरान तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के एक निजी स्कूल में कथित रूप से फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) शिविर में 13 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया था। शिविर में 17 लड़कियों सहित 41 विद्यार्थी शामिल हुए थे। कथित तौर पर, एक राजनीतिक नेता ने निजी स्कूल के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि यदि वे विद्यार्थियों के लिए शिविर आयोजित कर सकते हैं तो वह उन्हें एनसीसी की एक इकाई दिलवा देगा। जिले के चार अन्य स्कूलों ने भी ऐसे शिविर आयोजित किए थे।

आयोग ने पाया है कि अगर समाचार रिपोर्ट की सामग्री सच है, तो यह पीड़ितों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। स्पष्ट है कि पीड़ित लड़कियों को स्कूल अधिकारियों की लापरवाही के कारण अपराधी द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, तमिलनाडु को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें एफआईआर की स्थिति और पीड़ितों के स्वास्थ्य और उनकी काउंसलिंग की स्थिति शामिल होने की अपेक्षा है।

आयोग ने राज्य के अधिकारियों से जिले के चार अन्य स्कूलों में उसी व्यक्ति द्वारा आयोजित इसी तरह के शिविरों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों से संपर्क करने और यह पता लगाने के लिए भी कहा है कि क्या किसी के साथ दुर्व्यवहार या बुरा व्यवहार किया गया था। रिपोर्ट में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उठाए गए/प्रस्तावित कदमों के बारे में भी उल्लेख किया जाना चाहिए ।

20 अगस्त, 2024 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ितों में से एक ने शिविर के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल को घटना के बारे में बताया, लेकिन कथित तौर पर कर्मचारियों ने मामले को दबा दिया परंतु जब पीड़िता की मां ने पुलिस से संपर्क किया तब जाकर इसका खुलासा हुआ ।