एनएचआरसी ने बिहार के पटना जिले के पटेल नगर इलाके में राज्य सरकार द्वारा संचालित आश्रय गृह में भोजन विषाक्तता के कारण 13 अंत:वासियों के बीमार पड़ने और तीन की मौत की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया।
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 21 नवंबर, 2024
एनएचआरसी ने बिहार के पटना जिले के पटेल नगर इलाके में राज्य सरकार द्वारा संचालित आश्रय गृह में भोजन विषाक्तता के कारण 13 अंत:वासियों के बीमार पड़ने और तीन की मौत की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया।
बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी
पीड़ितों के स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें या उनके परिवारों को दिए गए मुआवजे की स्थिति की भी मांग की गई
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि 7 से 11 नवम्बर, 2024 के बीच बिहार के पटना जिले के पटेल नगर इलाके में मानसिक रूप से बीमार और निराश्रित महिलाओं के लिए एक आश्रय गृह की 13 महिला अंत:वासी बीमार पड़ गईं और तीन की संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के कारण मौत हो गई। बताया गया है कि रात का खाना खाने के बाद अंत:वासियों ने उल्टी और दस्त की शिकायत की। उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया। कथित तौर पर आश्रय गृह को बिहार सरकार के दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह पीड़ितों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। अंत:वासियों के वैध संरक्षक के रूप में, आश्रय गृह के अधिकारी अंत:वासियों को उचित देखभाल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
तदनुसार, आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में पीड़ितों के स्वास्थ्य की स्थिति भी अपेक्षित है। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या प्रशासन द्वारा पीड़ितों या उनके परिवारों को कोई मुआवजा दिया गया है। मुख्य सचिव से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे आयोग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए/प्रस्तावित कदमों के बारे में सूचित करें।
14 नवम्बर, 2024 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आश्रय गृह के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि वहां रहने वाले लोग अस्वच्छ परिस्थितियों में रह रहे थे। आश्रय गृह में खाना बनाने में भी उचित साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा था।
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