एनएचआरसी, भारत ने सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस), जयपुर, राजस्थान के जेके लोन अस्पताल में पीड़ित बच्चे को कथित तौर गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने के कारण गंभीर स्थिति में पहुंचाने की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 16 दिसम्बर, 2024
एनएचआरसी, भारत ने सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस), जयपुर, राजस्थान के जेके लोन अस्पताल में पीड़ित बच्चे को कथित तौर गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने के कारण गंभीर स्थिति में पहुंचाने की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया
राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर गहन जांच के लिए कहा गया, क्योंकि हाल के दिनों में ऐसी लापरवाही का यह दूसरा मामला है
पीड़ित बच्चे के स्वास्थ्य की स्थिति, मुआवजा, एफआईआर और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई सहित रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर मांगी
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस) के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान 10 साल के एक बच्चे को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। बताया गया है कि बच्चे को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है और उसकी हालत गंभीर है। कथित तौर पर, लड़के को 5 दिसम्बर, 2024 और 7 दिसम्बर, 2024 को दो अलग-अलग प्रकार का रक्त चढ़ाया गया था।
आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह लड़के के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। डॉक्टरों या चिकित्सा पेशेवरों की इस तरह की किसी भी लापरवाही से मरीजों को अपूरणीय क्षति हो सकती है। कथित तौर पर, कुछ महीने पहले ही जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एक 23 वर्षीय मरीज की जान चली गई थी। एक ही सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा सुविधाओं में गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने में लापरवाही के दो कथित मामले वास्तव में चौंकाने वाले हैं और आयोग के लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि ये मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। इस तरह की लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।
तदनुसार, आयोग ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में पीड़ित बच्चे के स्वास्थ्य की स्थिति, एफआईआर, जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और अधिकारियों द्वारा पीड़ित को प्रदान किया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल करना अपेक्षित है।
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