राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने उत्तर प्रदेश के कानपुर मेडिकल कॉलेज में अस्पताल और पुलिस के कथित कुप्रबंधन के कारण एक मरीज की मौत का स्वतः संज्ञान लिया है।



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 21 अगस्त, 2025

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने उत्तर प्रदेश के कानपुर मेडिकल कॉलेज में अस्पताल और पुलिस के कथित कुप्रबंधन के कारण एक मरीज की मौत का स्वतः संज्ञान लिया है।

जब अन्य मरीज दुर्गंध के कारण वार्ड से बाहर जाने लगे, तो कई घंटों बाद उसकी मौत का पता चला और शव को शवगृह ले जाया गया।

राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि अस्पताल और पुलिस कर्मियों के कथित कुप्रबंधन के कारण, 9 अगस्त, 2025 को उत्तर प्रदेश के कानपुर मेडिकल कॉलेज में उचित इलाज के अभाव में एक 25 वर्षीय मरीज की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दो लोगों ने उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया और चले गए। वह बेहोशी की हालत में था।

कथित तौर पर, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन चूँकि उसके साथ कोई नहीं था, इसलिए स्थानीय पुलिस स्टेशन को संदेश भेजा गया कि उसके साथ एक गार्ड भेजा जाए। पुलिस एस्कॉर्ट लगभग 6-7 घंटे तक अस्पताल नहीं पहुँचा और इस दौरान मरीज की मौत हो गई। इसके अलावा, पीड़ित का शव कई घंटों तक वार्ड में पड़ा रहा, जब तक कि उसमें से बदबू नहीं आने लगी, जिससे अन्य मरीज़ों को वहाँ से जाना पड़ा। इसके बाद, शव को शवगृह में स्थानांतरित कर दिया गया।

आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सही है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट माँगी है।

11 अगस्त, 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने दावा किया कि मरीज़ को ले जाने के लिए एक गार्ड अस्पताल भेजा गया था, लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के कारण उसे रेफरल सुविधा तक नहीं ले जाया जा सका। हालाँकि, अस्पताल अधिकारियों ने कथित तौर पर दावा किया कि एक एम्बुलेंस उपलब्ध थी।

***