राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक बीमार बच्ची का इलाज करने से इनकार करने की खबर का स्वतः संज्ञान लिया है।
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 22 अगस्त, 2025
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक बीमार बच्ची का इलाज करने से इनकार करने की खबर का स्वतः संज्ञान लिया है।
बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसके पिता उसे एक निजी अस्पताल ले गए।
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में बीमार बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति का विवरण शामिल होना अपेक्षित है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक बीमार बच्ची के माता-पिता को उसे एक निजी अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने दो घंटे तक बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उसे कोई इलाज नहीं दिया। बताया जा रहा है कि जब उसकी हालत बिगड़ी, तो उसके पिता उसे अपनी मोटरसाइकिल पर एक निजी अस्पताल ले गए क्योंकि सरकारी अस्पताल ने एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई थी।
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट सत्य है, तो इसकी विषयवस्तु मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट, जिसमें बीमार लड़की की स्वास्थ्य स्थिति भी शामिल है, प्रस्तुत करने को कहा है।
14 अगस्त, 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवार पीलिया से पीड़ित लड़की के इलाज के लिए सीतापुर जिले के अपने गाँव से लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) क्षेत्र स्थित सरकारी रामसागर मिश्र सौ-शय्या संयुक्त चिकित्सालय आया था।
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