एनएचआरसी द्वारा केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निजी नशामुक्ति केंद्रों में यातना के कारण कैदियों की कथित मौतों पर नोटिस जारी



नई दिल्ली, 18 अप्रैल, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक निजी नशामुक्ति केंद्र में एक और कैदी की मौत की मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जो हाल के दिनों में इस तरह की तीसरी घटना है। कथित तौर पर, 10 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के देहरादून के चंद्रमणि इलाके में नशामुक्ति केंद्र चला रहे लोगों ने एक 24 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इससे पहले, आयोग ने नोएडा और गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में नशामुक्ति केंद्रों में दो ऐसी ही घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया था और रिपोर्ट मांगी गई थी।

आयोग ने देखा कि सभी तीनों पुनर्वास केंद्र, दो यूपी में और एक उत्तराखंड में निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है कि क्या नशामुक्ति केंद्रों को निजी संस्थाओं द्वारा संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है, और यदि ऐसा है तो, क्या राज्यों ने वांछित लक्ष्य प्राप्त करने की दृष्टि से कैदियों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए हैं।

तदनुसार, आयोग ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों तथा केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के लिए कहा है, जिसमें (क) सरकार द्वारा वर्तमान में कितने नशामुक्ति केंद्र संचालित हैं; (ख) क्या निजी संस्थाओं को नशामुक्ति केंद्र स्थापित/संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है; (ग) क्या एनडीपीएस अधिनियम की धारा 71 में अनिवार्य रूप से नशामुक्ति केंद्रों को विनियमित करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई नियम या विनियम बनाए गए हैं; (घ) ऐसे नशामुक्ति केंद्रों में नियोजित व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए क्या तंत्र है; और (ङ) निजी नशामुक्ति केंद्रों को विनियमित करने के तंत्र को निर्दिष्ट करें जिसमें प्रभार/शुल्क, कर्मचारियों का नियोजन, परामर्शदाता, चिकित्सा कर्मचारी, आपूर्ति किए गए भोजन और ऐसे पुनर्वास केंद्रों का समग्र रखरखाव शामिल है, अपेक्षित है।

उत्तराखंड पुनर्वास केंद्र में एक कैदी की मौत के तत्काल मामले में उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने लिए नोटिस जारी किया गया है। रिपोर्ट में मामले की जांच की वर्तमान स्थिति और मृतक के निकट परिजनों को मुआवजा एवं राहत, यदि कोई प्रदान की गई है, अपेक्षित है।

13 अप्रैल, 2023 को मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देहरादून नशामुक्ति केंद्र के मरीजों ने बताया कि भूख तथा स्वच्छता की कमी के कारण उनकी बार-बार और नियमित पिटाई की जाती थी। कोई डॉक्टर या काउंसलर कभी केंद्र पर नहीं आया।

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