एनएचआरसी - एसएचआरसी ने देश में मानवाधिकारों के कार्य को सुधारने के लिए समयबद्ध सहयोगात्मक कार्य योजना तैयार करने हेतु एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्णय लिया|



नई दिल्ली, 13 अक्टूबर, 2021

राष्ट्रीय मानव एसएचआरसी अधिकार आयोग, एनएचआरसी और राज्य मानव अधिकार आयोगों, एसएचआरसी ने देश में मानवाधिकारों के कार्य को सुधारने के लिए समयबद्ध सहयोगात्मक कार्य योजना तैयार करने के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय आज नई दिल्ली में एनएचआरसी - एसएचआरसी इंटरफेस बैठक में लिया गया।

इससे पूर्व, श्री न्यायमूर्ति ए.के.मिश्रा, अध्यक्ष, एनएचआरसी ने बैठक का उद्घाटन किया जिसमे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों, श्री न्यायमूर्ति श्री एम.एम. कुमार, श्रीमती ज्योतिका कालरा, डॉ. डी.एम. मुले, श्री राजीव जैन, महासचिव श्री बिंबाधर प्रधान के अलावा एसएचआरसी के अध्यक्ष और सदस्य और एनएचआरसी, एसएचआरसी के अधिकारी और वैधानिक पूर्ण आयोग के सदस्य भी उपस्थित थे ।



NHRC-SHRC interface meeting

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने से मानवाधिकारों का हनन होता है। उन्होंने कहा कि एनएचआरसी-एसएचआरसी सिफारिश करने वाले निकाय हैं, लेकिन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं, जो राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों से अपनी ताकत प्राप्त करती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतिम व्यक्ति और सबसे गरीब से गरीब व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा की जा सके।

उन्होंने कहा कि एसएचआरसी सरकार को जारी विभिन्न परामर्शियो के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एनएचआरसी को भी अपना समर्थन दे सकते हैं। एनएचआरसी अध्यक्ष ने कहा कि आयोग सभी संबंधित राज्यों को एसएचआरसी को मजबूत करने के लिए अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए पत्र लिखेगा।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने मुठभेड़ों के माध्यम से तत्काल न्याय की बढ़ती घटनाओं के प्रति आगाह किया, जो उन्होंने कहा, व्यवस्थित विफलता का संकेत देते हैं। यह सोचने का समय आ गया है कि हमें व्यवस्थित विफलताओं को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए, जिसके कारण कभी-कभी अदालतों का फरमान भी लागू नहीं होता है।

उद्घाटन सत्र के अलावा, बैठक को पांच विषयगत सत्रों में विभाजित किया गया था जिसमें एनएचआरसी - एसएचआरसी बीच सहयोग के संभावित क्षेत्र एनएचआरसी द्वारा जारी परामर्शियो के कार्यान्वयन की निगरानी, एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड के कार्यान्वयन की स्थिति और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 जेंडर परिप्रेक्ष्य का एकीकरण, अनौपचारिक श्रमिकों से संबंधित योजनाओं और नीतियों के कार्यान्वयन की स्थिति और एक खुला सदन सत्र शामिल थे जिसकी अध्यक्षता एनएचआरसी के सदस्यों और महासचिव ने की। एनएचआरसी और एसएचआरसी के वरिष्ठ अधिकारी गण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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