एनएचआरसी को मणिपुर सरकार से कई मामलों में की गई कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्राप्त हुई



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर, 2023

एनएचआरसी को मणिपुर सरकार से कई मामलों में की गई कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्राप्त हुई

केंद्र तथा राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई जिसमें राज्य में शांति स्थाaपित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्पष्ट विवरण शामिल हो

हिंसा प्रभावित लोगों के लिए राहत, पुनर्वास, भोजन, स्कूल एवं शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं हेतु उठाए गए कदमों पर भी रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत द्वारा जारी नोटिस के जवाब में, हिंसा की घटनाओं से संबंधित विभिन्न मामलों में मणिपुर सरकार से की गई कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्राप्त हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में हिंसा की घटनाओं के संबंध में कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें कानून और व्यवस्था मशीनरी और सुरक्षा में सुदृढ़ीकरण, राहत शिविरों और शांति समिति की स्थापना, कर्फ्यू में ढील देना, इंटरनेट और बैंकिंग सेवाओं को उचित तरीके से बहाल करना, मृतकों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करना, घायलों के लिए मुआवजा पैकेज, क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण करना शामिल है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केंद्र द्वारा हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच आयोग का गठन किया गया है, साथ ही, छह एफआईआर स्वतंत्र रूप से जांच हेतु सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गई हैं। यह भी देखा गया है कि प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में राहत शिविर चल रहे हैं।

विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए, आयोग द्वारा सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, मणिपुर सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर निम्नलिखित निर्देशों पर एटीआर मांगी गई है:

i. विभिन्न पहलुओं और संचालन में बड़ी संख्या में राहत शिविरों को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि स्वच्छता और अपशिष्ट निपटान की उचित सुविधा हो, पीने, खाना पकाने और धोने के लिए उचित पानी उपलब्ध कराया जाए;

ii. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित उचित पोषक तत्वों वाला पर्याप्त भोजन प्रदान किया जाना चाहिए;

iii. स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उचित व्यकवस्थात की जाए; स्वास्थ्य कर्मियों के दौरे की व्यवस्था करके शिविरों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जानी चाहिए, साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दवाओं की कोई कमी न हो;

iv. राज्य सरकार को प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के भविष्या हेतु शिविरों में स्कूली शिक्षा और शैक्षिक सेवाओं की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए;

v. शिविरों में रहने वाले अंत:वासियों/आश्रितों की आजीविका के लिए रोजगार प्रदान किया जाए;

vi. क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए यथाशीघ्र सहायता प्रदान की जाए;

vii. हिंसा में शामिल प्रतिद्वंद्वी समुदायों के बीच शांति स्था पित करने हेतु उपाय किए जाने चाहिए;

viii. राज्य सरकार शीघ्रता से निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत करे:

(ए) मृतकों के निकटतम संबंधी (एनओके) के साथ-साथ घायल व्यक्तियों को प्रदान किए गए मुआवजे का विवरण;

(बी) अनुकंपा के आधार पर प्रदान की गई नियुक्तियों की संख्या;

(सी) सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए।

आयोग द्वारा पिछले कुछ महीनों के दौरान मणिपुर में मानव अधिकार उल्लंघन से संबंधित हिंसा की घटनाओं के संबंध में 18 मामले दर्ज किए गए। इन सभी मामलों में रिपोर्ट मंगवाने के लिए प्रारंभिक नोटिस जारी करने के बाद, आयोग ने विचार किया कि, चूंकि मामलों की प्रकृति समान थी, इसलिए, एक सामान्य प्रश्नावली तैयार की गई, जिस पर संबंधित प्राधिकारी से 30 अगस्त 2023 और 12 सितंबर, 2023 की कार्यवाही के तहत रिपोर्ट मांगी गई थी। इनमें से आठ मामलों को छोड़कर सभी में जवाब प्राप्त हो चुके हैं। शेष मामलों में रिपोर्ट हेतु अनुस्मारक नोटिस भी जारी किये गये हैं।