एनएचआरसी द्वारा दिल्ली सरकार, एमसीडी और डीजेबी को विष्णु गार्डन क्षेत्र में ओवरफ्लो सीवर लाइन और दूषित पानी की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने पर नोटिस जारी: डीपीसीसी से भी एटीआर प्रस्‍तुत करने के लिए कहा।



नई दिल्ली: 15 फरवरी, 2023

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि दिल्ली में विष्णु गार्डन क्षेत्र के एनडब्‍ल्‍यू ब्लॉक के निवासियों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कॉलोनी के नालों में जीन्स डाइंग यूनिट द्वारा अनुपयुक्त तरीके से औद्योगिक कचरे को फेंका जा रहा है, जो आवासीय क्षेत्र में नालियों के साथ-साथ सीवेज लाइनों को अवरुद्ध करता है। कॉलोनी की सड़कों पर सीवरेज का पानी ओवरफ्लो हो रहा है। पीने का पानी भी दूषित हो गया है। निवासियों द्वारा नगर निगम को कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मानवाधिकारों का उल्लंघन है। तदनुसार, आयोग मुख्य सचिव, राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार और आयुक्त, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को नोटिस जारी किया एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आयोग ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार औद्योगिक इकाई के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी है।

नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 19(5) में आम जनता का हित उल्लिखित है जिसमें कई मुद्दे शामिल हैं जो लोक कल्याण, सार्वजनिक सुविधा, सार्वजनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि को प्रभावित करते हैं, जिनका उद्देश्य लोगों के सामाजिक-आर्थिक न्याय को प्राप्त करना है। संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रतिष्ठापित जीवन की अभिव्यक्ति का अर्थ बहुत व्यापक है, जिसमें आजीविका का अधिकार, बेहतर जीवन स्तर और घर या कार्यस्थल पर रहने के दौरान स्वच्छता की स्थिति शामिल है। इसलिए, व्यापक जनहित में अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन में नागरिकों के उपरोक्त अधिकारों की रक्षा करना राज्य का मूलभूत कर्तव्य है।

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