एनएचआरसी द्वारा पलामू जिले की एक ग्राम पंचायत के फरमान पर एक आदिवासी लड़की को कथित रूप से प्रताड़ित करने और घुमाने पर झारखंड सरकार को नोटिस जारी



नई दिल्ली, 18 मई, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने झारखंड के पलामू जिले में जोगीडीह ग्राम पंचायत के फरमान पर मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है, रिपोर्टों के अनुसार, एक आदिवासी लड़की पर शारीरिक हमला किया गया था, और उसका सिर मुंडवाने के बाद उसके गले में जूते डालकर घुमाया गया, जब उसने अपने परिजनों की पसंद के व्यक्ति से शादी करने से इंकार कर दिया।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह ग्राम पंचायत के इशारे पर पीड़िता के मानव अधिकारों का उल्लंघन है। इस तरह के अनैतिक और गैरकानूनी कृत्य के अपराधियों को विधिसम्‍मत शासन वाले एक सभ्य समाज में बख्शा नहीं जा सकता है।

तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, झारखंड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी, पीड़ित लड़की के चिकित्सा उपचार और यदि कोई मुआवजा दिया गया हो, की स्थिति शामिल होनी चाहिए।

अधिकारियों से रिपोर्ट में पीड़िता को दिए गए मुआवजे की किस्त के संबंध में सूचित करने की अपेक्षा की जाती है, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उसे मिलना चाहिए। उनसे यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे पीड़ित लड़की, जिसने शारीरिक पीड़ा, अपमान और सामाजिक कलंक का आघात झेला है, को दिए जाने वाले मानसिक परामर्श की स्थिति के बारे में सूचित करेंगे। आयोग इस दुःखद घटना के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।

16 मई, 2023 को की गई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता 20 अप्रैल, 2023 को अपनी शादी के दिन भाग गई थी। 20 दिन बाद जब वह गांव लौटी तो उसे सजा देने के लिए पंचायत की बैठक बुलाई गई। पंचायत के फरमान पर उसे प्रताड़ित कर गांव में घुमाने के बाद रात में जंगल में छोड़ दिया गया, जहां से पुलिस द्वारा अगले दिन उसे बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।कथित तौर पर, उसके माता-पिता की आठ साल पहले मृत्यु हो गई थी और वह भाई और दो बहनों के साथ रह रही है।